महाराष्ट्र में जारी है The Great Political Drama, नरम पड़े शिवसेना के तेवर, शरद पवार ने दिखाई एकजुटता
शिवसेना के तेवर नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। कई जगह तो एकनाथ शिंदे के समर्थन में पोस्टर भी दिखाई दिए। वहीं, शिवसेना की नेता संजय राउत की ओर से यह भी अपील की गई है कि अगर हमारे विधायक चाहते हैं तो शिवसेना महा विकास आघाडी सरकार से बाहर होने को तैयार हैं। हालांकि जैसे ही यह संजय राउत का बयान सामने आया, कांग्रेस और एनसीपी की भी नाराजगी दिखाई दे गई।
पिछले 3 दिनों से महाराष्ट्र में द ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा लगातार जारी है। हर दिन इस बात की उम्मीद की जाती है कि आज कहीं ना कहीं महाराष्ट्र में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो सकता है। परंतु पिछले 3 दिनों से सिर्फ यह खबरें ही हैं। आज तीसरे दिन भी शिवसेना से बगावत कर चुके दिग्गज नेता एकनाथ शिंदे गुवाहाटी के होटल में अपने समर्थक विधायकों के साथ डटे हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि अब एकनाथ शिंदे के पास 45 से ज्यादा विधायकों का साथ हैं। इन 45 विधायकों में से लगभग 37 से ज्यादा विधायक शिवसेना के हैं। ऐसे में दल बदल कानून भी लागू नहीं होता। दूसरी ओर आज भी मुंबई में राजनीतिक हलचल तेज रही। शरद पवार ने एक बड़ी बैठक की। इस बैठक में एनसीपी के नेता शामिल हुए। इस बैठक के बाद शरद पवार ने भी साफ तौर पर कहा है कि उनकी पार्टी अंत तक उद्धव ठाकरे का समर्थन करेगी।
दूसरी ओर आज कहीं ना कहीं शिवसेना के तेवर नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। कई जगह तो एकनाथ शिंदे के समर्थन में पोस्टर भी दिखाई दिए। वहीं, शिवसेना की नेता संजय राउत की ओर से यह भी अपील की गई है कि अगर हमारे विधायक चाहते हैं तो शिवसेना महा विकास आघाडी सरकार से बाहर होने को तैयार हैं। हालांकि जैसे ही यह संजय राउत का बयान सामने आया, कांग्रेस और एनसीपी की भी नाराजगी दिखाई दे गई। कांग्रेस ने तो साफ तौर पर कह दिया कि शिवसेना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। दूसरी और खबर यह भी रही कि आज उद्धव ठाकरे ने पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसमें 15 से कम विधायक मौजूद थे। वही विधायकों के ग्वाहाटी पहुंचने का दौर आज भी जारी रहा शाम होते-होते कई विधायक पहुंच गए। जबकि सूरत से वापस लौटे शिवसेना विधायक नितिन देशमुख ने खुलकर उद्धव ठाकरे का समर्थन किया और जबरन अगवा करने का आरोप लगाया। एकनाथ शिंदे के साथ महाराष्ट्र शिवसेना विधायक दादाजी भुसे, विधायक संजय राठौड़ और एमएलसी रवींद्र फाटक गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल में मौजूद हैं।
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कार्रवाई की मांग
शिवसेना के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं। मांग हुई है कि 12 विधायकों को आयोग्य घोषित कर दिया जाए।
ठाकरे सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा : शरद पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार (एमवीए) के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा। पवार ने यह भी कहा कि भाजपा ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के समक्ष उत्पन्न संकट में भूमिका निभाई है। पवार ने कहा, एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं)। एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे।
एक ‘राष्ट्रीय दल’ ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है: एकनाथ शिंदे
महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार को संकट में डालने वाले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि एक ‘‘राष्ट्रीय दल’’ ने उनकी बगावत को ऐतिहासिक करार देने के साथ ही हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। मुंबई में शिंदे के कार्यालय की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें वह गुवाहाटी के एक होटल में शिवसेना के बागी विधायकों को संबोधित कर रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक अपनी ओर से सर्वसम्मति से समूह के नेता के तौर पर शिंदे को आगे के फैसले लेने के लिए अधिकृत कर रहे हैं। वीडियो में शिंदे कह रहे हैं, ‘‘हमारी चिंताएं और खुशियां एक समान हैं। हम एकजुट हैं और जीत हमारी होगी। एक राष्ट्रीय दल है, एक महाशक्ति...आप जानते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान को मात दी। उस दल का कहना है कि हमने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है और हमे हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।’’
कांग्रेस महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करती रहेगी: अशोक चव्हाण
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को उनकी पार्टी का समर्थन जारी रहेगा तथा यह तय करने के लिए होटल नहीं, बल्कि विधानसभा उपयुक्त स्थान है कि सरकार बहुमत में है या अल्पमत में। कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद चव्हाण ने कहा कि हमने भाजपा को (सत्ता में आने से) रोकने के लिए शिवसेना एवं राकांपा के साथ मिलकर एमवीए बनाया था। एमवीए के प्रति हमारा समर्थन जारी है। मंत्री ने कहा कि शिवसेना नीत सरकार अल्पमत में आ गयी है या नहीं, इसका फैसला होटल में नहीं किया जा सकता और इसके लिए सदन का पटल ही उचित मंच है। जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता चव्हाण से पूछा गया कि क्या एमवीए विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों घटक दलों को मिलकर करना है।
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भाजपा की कोशिश अनैतिक, असंवैधानिक :ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिराने की भारतीय जनता पार्टी की कथित कोशिश की बृहस्पतिवार को आलोचना करते हुए इसे ‘‘अनैतिक और असंवैधानिक’’ तरीका करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जानबूझ कर ऐसे समय में महाराष्ट्र सरकार को संकट में डालने का प्रयास किया है जब राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आ रहा है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संघीय ढांचे को भाजपा नीत केंद्र सरकार पूरी तरह से ध्वस्त कर रही है। वे एक अनैतिक और असंवैधानिक तरीके से महाराष्ट्र सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे हैं। ममता ने महाराष्ट्र की स्थिति को हैरान कर देने वाला बताते हुए कहा कि लोगों के लिए, जनता के जनादेश के लिए और उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) के लिए हम न्याय चाहते हैं।
शिवसेना एमवीए सरकार से बाहर आने को तैयार: राउत
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच, पार्टी सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है। राउत ने कहा कि आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे। हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें। आपकी मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए। उन्होंने कहा कि बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है। अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं। आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं...आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें।
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इसलिए शिंदे बागी हुए
शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसाट ने मुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर दावा किया कि शिवसेना विधायक ढाई साल से ‘अपमान’ का सामना कर रहे थे जिसके चलते मंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ जाने का कदम उठाया। औरंगाबाद (पश्चिम) से विधायक शिरसाट ने 22 जून को लिखे पत्र में दावा किया कि शिवसेना के सत्ता में होने और उसका अपना मुख्यमंत्री होने के बावजूद, ठाकरे के आसपास की मंडली ने उन्हें कभी भी वर्षा तक पहुंचने नहीं दिया। ‘वर्षा’ मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय जाने का तो सवाल ही नहीं था, क्योंकि वहां मुख्यमंत्री कभी नहीं आए। पत्र को शिंदे ने अपने ट्विटर पेज पर पोस्ट किया है, जिसमें दावा किया गया है कि ये शिवसेना के विधायकों की भावनाएं हैं। पत्र में शिरसाट ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने पार्टी के विधायकों की शिकायतें, उनके निर्वाचन क्षेत्रों में विकास कार्यों और निधि से जुड़े मामलों के बारे में उनकी बात सुनी, साथ ही सहयोगी कांग्रेस और राकांपा के साथ उनकी समस्याओं को भी सुना। उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के विधायकों की मुख्यमंत्री तक पहुंच नहीं थी, जबकि पार्टी के असली विरोधी होने के बावजूद कांग्रेस और राकांपा को पूरी तवज्जो दी जा रही थी। शिरसाट ने यह भी कहा कि पार्टी के विधायकों को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के साथ अयोध्या जाने की अनुमति नहीं थी। आदित्य ठाकरे हाल में उत्तर प्रदेश के अयोध्या गए थे।
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