हर मिल मजदूर को घर देने की संभावनाएं तलाशेगी सरकार: उद्धव ठाकरे
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन में मिल श्रमिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि उनकी सरकार यह देखेगी कि वह मिलों में काम करने वाले हर व्यक्ति को किस प्रकार मकान मुहैया करा सकती है।
मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ‘संयुक्त महाराष्ट्र’ आंदोलन में मिल श्रमिकों के योगदान की प्रशंसा करते हुए रविवार को कहा कि उनकी सरकार यह देखेगी कि वह मिलों में काम करने वाले हर व्यक्ति को किस प्रकार मकान मुहैया करा सकती है। ठाकरे ने मिल श्रमिकों से अपील की कि वे उन्हें आवंटित मकान किसी अन्य को बेचकर मुंबई से बाहर नहीं जाएं। उन्होंने उपनगर बांद्रा में महाराष्ट्र गृहविकास एवं क्षेत्र विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के मुख्यालय में उसके द्वारा आयोजित ‘लकी ड्रा’ कार्यक्रम में यह बात कही। इस कार्यक्रम में मिल श्रमिकों और उनके कानूनी वारिसों को 3,894 मकान बांटे गए।
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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब आपको नए मकान आवंटित हो जाएं, तो आप मुझे चाय पर बुलाइएगा। अपने घरों में खुश रहिए। इन मकानों को बेचकर और अपने अधिकार खोकर मुंबई से बाहर मत जाइएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार यह पता लगाएगी कि हर मिल श्रमिक को किस प्रकार मकान मुहैया कराया जा सकता है। उन्होंने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में योगदान दिया है।’’
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मध्य मुंबई में म्हाडा ने बॉम्बे डाइंग, स्प्रिंग मिल और श्रीनिवास मिल की जमीनों पर मिल श्रमिकों के लिए 3,894 मकान बनाए हैं।इस मौके पर महाराष्ट्र के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा कि राज्य सरकार ने उन लोगों को मकान मुहैया कराने का नीतिगत फैसला किया है जिन्होंने अब निष्क्रिय हो चुकी शहर की मिलों में काम किया है। उन्होंने बताया कि म्हाडा ने बडाला स्थित बॉम्बे डाइंग और स्प्रिंग मिल की भूमि पर क्रमश: 720 और 2,630 मकान बनाए हैं। इसके अलावा 544 मकान लोअर परेल में श्रीनिवास मिल की जमीन पर बनाए गए हैं।
इन मकानों के लिए 1,74,036 मिल श्रमिकों ने आवेदन किया था। अव्हाड ने बताया कि 225 वर्ग फुट के ये एक शयनकक्ष, हॉल और रसोईघर वाले मकान अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।
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