प्रवासी श्रमिकों का एकत्र होना व तबलीगी जमात के मरकज ने कोरोना के खिलाफ हमारे प्रयासों को धक्का पहुंचाया है: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति भवन के बयान में यह बात कही गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों एवं प्रशासकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद किया।
बयान के अनुसार, संवाद के दौरान इस बात पर एकराय थी कि इस अदृश्य दुश्मन से लड़ाई में किसी प्रकार की लापरवाही या आत्मसंतुष्टि का कोई स्थान नहीं है। इस संदर्भ में कोविंद ने देश के कुछ हिस्सों में डाक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमलों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की। राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 से मुकाबला करने में देश के लोगों ने अपूर्व साहस, अनुशासन और एकजुटता का प्रदर्शन किया है। उन्होंने हालांकि आनंद विहार में प्रवासी मजदूरों के एकत्र होने और निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के लोगों के शामिल होने की दो घटनाओं पर चिंता व्यक्त की जिससे कोरोना के खिलाफ प्रयासों को धक्का पहुंचा है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों को भोजन और अन्य जरूरी सामग्री मिल रही है, ऐसे में सामाजिक दूरी के संकल्प का पूरी तरह से पालन किया जाना चाहिए।President Kovind along with @VPSecretariat held a video-conference with the Governors, LGs and Administrators of States and UTs; discussed ways to contribute to the measures taken by the Govt of India and State Govts in response to COVID-19.
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 3, 2020
Details: https://t.co/UzHMSQggHP pic.twitter.com/sO3FDR1Pnv
वहीं, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘ आज मैंने प्रदेशों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों मेंधर्म गुरुओं से संपर्क करें और उन्हें सलाह दें कि वे अपने अनुयायियों को भीड़ भाड़ वाले धार्मिक आयोजन करने से रोकें तथा कोविड 19 संक्रमण को सीमित रखने के लिए सामाजिक व्यवहार में परस्पर दूरी अपनाएं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से कहा कि कृषि उत्पादों की कटाई, भंडारण तथा खरीद के लिए प्रबंध करने पर विशेष ध्यान दें। राजकीय एजेंसियां कृषि उपकरणों के निर्बाध आवागमन और उपलब्धता को सुनिश्चित करें जिससे किसानों को किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े।’’ वेंकैया नायडू ने कहा कि वह हाल में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई अक्षम्य हिंसा की निन्दा करते हैं। उन्होंने कहा कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उन स्वास्थ्य कर्मियों की रक्षा करे जो व्यक्तिगत खतरा मोल ले कर भी संक्रमित रोगियों की सेवा में लगे हैं।
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