Prabhasakshi NewsRoom: Arvind Kejriwal सरकार और MCD की नाकामी ने दिल्ली को स्लम में तब्दील कर दिया है

Old Rajinder Nagar Incident
ANI

देश की राजधानी में हुए इतने बड़े हादसे से कई सवाल उपजे हैं। सवाल उठता है कि बेसमेंट में कोचिंग कराने की अनुमति कैसे दे दी गयी? यदि बेसमेंट को गोदाम बनाने की अनुमति ली गयी थी और वहां कोचिंग दी जा रही थी तो इसकी जांच क्यों नहीं की गयी?

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के राज में शहर का बुनियादी ढांचा किस कदर जर्जर हो चुका है इसका अंदाजा राष्ट्रीय राजधानी में सिर्फ आधे घंटे की बारिश हो जाने पर लगाया जा सकता है। दिल्ली में जरा-सी बारिश हो जाये तो बाढ़ आ जाती है क्योंकि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी शासित एमसीडी हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती हैं। मगर यह आरामतलबी अब लोगों के जीवन पर भारी पड़ने लगी है। अभी पिछले सप्ताह दिल्ली के पटेल नगर में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे 26 वर्षीय छात्र की करंट लगने से मौत हो गयी थी। अब ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में बारिश के बाद एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में इतना पानी भर गया कि तीन छात्रों की मौत हो गयी।

देश की राजधानी में हुए इतने बड़े हादसे से कई सवाल उपजे हैं। सवाल उठता है कि बेसमेंट में कोचिंग कराने की अनुमति कैसे दे दी गयी? यदि बेसमेंट को गोदाम बनाने की अनुमति ली गयी थी और वहां कोचिंग दी जा रही थी तो इसकी जांच क्यों नहीं की गयी? दिल्ली में मानसून से पहले सारी तैयारियां पूरी करने का दावा करने वाली दिल्ली सरकार और एमसीडी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि आधे घंटे की बरसात में ही दिल्ली की सड़कें नदी और नाले का रूप क्यों ले लेती हैं? देखा जाये तो अलग तरह की राजनीति करने का वादा करके सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की नाकामी ने दिल्ली को स्लम में बदल कर रख दिया है। पूरे देश से छात्र अपने उज्ज्वल भविष्य का सपना लेकर पढ़ाई करने दिल्ली आते हैं मगर उन्हें यहां जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि इन घटनाओं की जिम्मेदारी कौन लेगा? कोचिंग सेंटर के मालिक को तो गिरफ्तार कर लिया गया मगर क्या स्थानीय पार्षद और विधायक को उनकी जिम्मेदारी से बचने दिया जा सकता है। कोचिंग सेंटर के बाहर जो छात्र दिन-रात प्रदर्शन कर रहे हैं जरा उनकी मांगों को सुनेंगे तो आप भी काम-धाम छोड़कर प्रदर्शन पर उतर आएंगे।

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दिल्ली नगर निगम की कार्रवाई

इस बीच, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि नगर निगम की एक टीम रविवार को ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में अवैध रूप से संचालित कई कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ को सील करने पहुंची। रविवार देर रात तक जारी कार्रवाई के दौरान करीब 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए। इनमें आईएएस गुरुकुल, चहल अकादमी, प्लूटस अकादमी, साई ट्रेडिंग, आईएएस सेतु, टॉपर्स अकादमी, दैनिक संवाद, सिविल्स डेली आईएएस, करिअर पावर, 99 नोट्स, विद्या गुरु, गाइडेंस आईएएस और ‘इजी फॉर आईएएस’ शामिल हैं। बयान में कहा गया, ''ये कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन कर बेसमेंट में संचालित हो रहे थे और उन्हें मौके पर ही सील कर दिया गया तथा नोटिस चस्पा कर दिया गया।’’ बताया जा रहा है कि एमसीडी ने पिछले साल मुखर्जी नगर में एक संस्थान में भीषण आग लगने के बाद ऐसे कोचिंग केंद्रों का सर्वेक्षण किया था।

प्रारंभिक जांच के परिणाम

हम आपको यह भी बता दें कि इस मामले की जांच में संकेत मिले हैं कि इमारत के मालिक और नगर निगम के अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के साथ घटना की जांच के लिए कई टीम गठित की हैं। पुलिस ने ‘राव आईएएस स्टडी सर्किल’ के मालिक और समन्वयक को गिरफ्तार कर लिया है और उन पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘पूरी घटना की जांच के लिए कई टीम गठित की गयी हैं। हमने दिल्ली दमकल सेवा से उस इमारत और बेसमेंट के बारे में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा है, जिसका उपयोग एक पुस्तकालय के रूप में किया जा रहा था, लेकिन उसे ‘भंडार कक्ष’ (स्टोर रूम) बताया गया था।’’

बताया जा रहा है कि शनिवार शाम को भारी बारिश के कारण बेसमेंट में पानी घुसने से 35 से अधिक लोग फंस गए थे जिनमें छात्र और कोचिंग सेंटर के कर्मचारी भी शामिल थे। पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार बेसमेंट का गेट बंद था लेकिन अंदर घुसे बारिश के पानी के तेज दबाव के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिस ने कहा है कि हम घटनाक्रम का पता लगाने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हम उन लोगों की पहचान करेंगे जो घटना के दौरान संस्थान के करीब खड़े थे और फिर उनके बयान दर्ज करेंगे। पुलिस ने अब तक कम से कम छह छात्रों के बयान दर्ज किए हैं जो बेसमेंट में फंसे थे लेकिन समय रहते बाहर निकल आए। इनमें से कुछ को दूसरे छात्रों और स्थानीय लोगों ने बचाया था। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में घटना के दो मुख्य कारण सामने आए हैं- पहला, नगर निगम ने मानसून आने से पहले सड़क किनारे के नाले को साफ नहीं किया और दूसरा, बेसमेंट में पानी की निकासी का कोई प्रावधान नहीं था और वहा अवैध रूप से लाइब्रेरी बनाई गई थी।

यह भी संदेह है कि लाइब्रेरी में पानी घुसने के कारण प्रवेश द्वार पर लगा बायोमेट्रिक सिस्टम जाम हो गया, जिससे छात्र बेसमेंट में फंस गए। अधिकारी ने कहा कि समय पर नाला साफ न होने का कारण जानने के लिए पुलिस नगर निगम के अधिकारियों को बुला सकती है। इस बीच, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हमने राजेंद्र नगर पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 106 (1) (जल्दबाजी या लापरवाही में किए कार्य से किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनना, जो आपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या बनाने के संबंध में लापरवाही) और धारा 35 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।’’ उन्होंने बताया कि अब तक दो लोगों- कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

उप निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार शर्मा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर का मालिक घटना के समय वहां मौजूद था और वह बेसमेंट में पुस्तकालय चलाने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं कर सका। मालिक ने यह भी स्वीकार किया कि बेसमेंट में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। प्राथमिकी में कहा गया, ‘‘बेसमेंट में पानी भरने की सूचना पीसीआर को मिलने के बाद सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बीरेंद्र को मौके पर भेजा गया।’’ इसमें कहा गया कि एएसआई ने देखा कि इलाके में पानी भरा हुआ है और पार्किंग क्षेत्र में तीन फुट तक पानी भर गया है। उन्होंने तुरंत राजेंद्र नगर थाना प्रभारी को सूचित किया साथ ही अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी घटना की जानकारी दी गई।

पुलिस ने बताया कि इस घटना में मारे गए छात्रों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल में एर्नाकुलम के नवीन दलविन के रूप में की गई है। हम आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो रहे एक वीडियो में कथित तौर पर दिखाया गया है कि बेसमेंट में स्थित पुस्तकालय में पानी प्रवेश कर रहा है और कुछ विद्यार्थी सीढ़ियों से भाग रहे हैं।

तीनों मृतक छात्रों के बारे में जानें

जहां तक मारे गये तीनों छात्रों की बात है तो आपको बता दें कि इनमें शामिल दोनों छात्राओं में से एक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में तो दूसरी दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ रही थी। जान गंवाने वाला तीसरा छात्र केरल के एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी का बेटा था। तेलंगाना से आई 21 वर्षीय तान्या सोनी बिहार के औरंगाबाद की मूल निवासी थीं और दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा थीं। वह डीयू के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के महिला छात्रावास में रह रही थीं और डेढ़ महीने पहले ही उन्होंने कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। तान्या के पिता तेलंगाना में एक खनन कंपनी में काम करते हैं और उनके एक भाई और एक बहन हैं। रविवार को उसके माता-पिता आरएमएल अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए उसका शव औरंगाबाद ले गए।

तान्या के पिता विजय कुमार ने बताया है कि उनकी बेटी राष्ट्रीय राजधानी के एक कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक करने के बाद पिछले एक महीने से इस कोचिंग सेंटर में पढ़ाई कर रही थी। उन्होंने कहा, ''तान्या ने दिल्ली में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी और वहीं संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के लिए तैयारी कर रही थी। बचपन से ही उसका सपना यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाना था।’’ उन्होंने बताया कि परिवार लखनऊ जाने वाली ट्रेन से यात्रा कर रहा था, तभी उन्हें तान्या की मौत की खबर मिली। विजय कुमार ने कहा, ‘‘तान्या की मौत के बारे में सूचना मिलने के बाद हम नागपुर में उतर गए और दिल्ली के लिए उड़ान भरी।’’ विजय कुमार पिछले 25 वर्षों से तेलंगाना में सरकारी कंपनी सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में काम कर रहे हैं। वे वर्तमान में एससीसीएल में उप महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं और उनका परिवार मंचेरियल में रहता है। इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने रविवार को तान्या सोनी के निधन पर शोक व्यक्त किया।

वहीं केरल के एर्णाकुलम के 29 वर्षीय नवीन दलविन जेएनयू से पीएचडी कर रहे थे। उन्होंने आठ महीने पहले ही कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। वह वसंत कुंज इलाके में विश्वविद्यालय के पास ही किराए के मकान में रह रहे थे। केरल में नवीन के माता-पिता को इस घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है और जल्द ही उनके दिल्ली आने की उम्मीद है। नवीन के पिता केरल में पुलिस उपाधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी मां प्रोफेसर हैं। नवीन की एक बहन भी है। नवीन के दोस्त ने उसे एक मेहनती छात्र बताया। वह 2017 में एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली आया था। पुलिस के अनुसार नवीन सेंटर का पूर्णकालिक छात्र नहीं था, वह अक्सर किताबें पढ़ने के लिए पुस्तकालय जाता था।

हादसे में जान गंवाने वाली तीसरी छात्रा श्रेया यादव उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर की मूल निवासी थीं। वह पहले पश्चिमी दिल्ली के शादीपुर इलाके में एक छात्रावास में रहती थीं और उन्होंने दो महीने पहले कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। श्रेया ने उत्तर प्रदेश के एक कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की थी। उनके एक रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने कहा कि श्रेया अप्रैल में दिल्ली आई थी और मई में कोचिंग संस्थान में दाखिला लिया था। उनके पिता की उत्तर प्रदेश में डेयरी की दुकान है और उनके दो छोटे भाई हैं। उनके पिता ही आरएमएल अस्पताल आए और पोस्टमार्टम के बाद शव घर ले गए। उनके घर वालों ने इस संबंध में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इस बीच, इस हादसे पर राजनीति भी शुरू हो गयी है। विपक्षी दलों ने इस घटना के लिए आम आदमी पार्टी (आप) नीत दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और सरकार पर हमला बोला है। वहीं ‘आप’ ने इस घटना के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि विपक्षी दल 15 साल तक नगर निगम में सत्ता में रही लेकिन उसने शहर की जल निकासी व्यवस्था को हमेशा नजरअंदाज किया।

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