जाट समाज को आरक्षण देगी मोदी सरकार? किसान आंदोलन को कमजोर करने की तैयारी

The cut of the farmers movement will come out of Jat reservation
अजय कुमार । Aug 10 2021 3:04PM

केंद्र सरकार की नजरें किसान आंदोलन पर शुरू से टेड़ी है।उसे लगता है कि नया कृषि कानून जो अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते हैं लागू भी नहीं हुआ है उस पर बवाल करना किसान नेताओं की सोची समझी साजिश है और इसके लिए उसे कांग्रेस जैसे दलों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

लखनऊ।केन्द्र की मोदी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग संविधान संशोधन विधेयक के जरिये जाट समुदाय के वोटरों को मजबूती के साथ भाजपा से जोड़ने की जुगत में लगा है।ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक को पास कराने के बाद मोदी सरकार अगले कदम के रूप में केंद्र में जाट समाज को आरक्षण देकर  किसान आंदोलन को भी कमजोर करने का इरादा रखती है। केंद्र सरकार की नजरें किसान आंदोलन पर शुरू से टेड़ी है।उसे लगता है कि नया कृषि कानून जो अभी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते हैं लागू भी नहीं हुआ है उस पर बवाल करना किसान नेताओं की सोची समझी साजिश है और इसके लिए उसे कांग्रेस जैसे दलों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

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गौरतलब हो नये कृषि कानून के  खिलाफ आंदोलन में बढ़-चढ़ कर अपनी भूमिका निभा रही जाट बिरादरी को साधने के लिए भाजपा की योजना हरियाणा में जाटों को ओबीसी सूची में शामिल करने की भी है। यूपी विधानसभा चुनाव से पूर्व इस बिरादरी को साधने के लिए मोदी सरकार इन्हें केंद्रीय सूची में भी शामिल कर सकती है।गौरतलब है कि जाट बिरादरी उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के कई हिस्सों में ओबीसी सूची में शामिल हैं। हरियाणा में इस बिरादरी को आरक्षण देने संबंधी राज्य सरकार के फैसले को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।इसके अलावा लंबे समय से चली आ रही मांग के बावजूद जाट बिरादरी को केंद्रीय स्तर पर ओबीसी की सूची में अब तक जगह नहीं मिली है। इस संशोधन विधेयक के जरिये इसका रास्ता तैयार किया जा रहा है। 

ओबीसी विधेयक में संशोधन करके बीजेपी यूपी चुनाव में जाट 

बिरादरी पर बड़ा दांव लगा सकती है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसके लिए निर्णायक साबित हो सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश कि लगभग 100 सीटों पर  जाट वोटरों का दबदबा है। बीते करीब आठ महीने से चल रहे किसान आंदोलन में हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जाट बिरादरी मुखर भूमिका निभा रही है। पिछले चुनावों में इस बिरादरी ने भाजपा का साथ दिया था।इसी कारण पश्चिम यूपी में धमक रखने वाली आरएलडी के प्रमुख नेता चौधरी अजित सिंह और उनके पुत्र जयंत चौधरी लोकसभा का चुनाव हार गए थे। अबकी बार कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन में इस बिरादरी की मुखर भूमिका से भाजपा काफी सहमी हुई है क्योंकि यूपी में सपा ,कांग्रेस ,बसपा सब की सब किसान आंदोलन से पक्ष में मोदी सरकार को घेरने में लगे हैं।जाट समुदाय को आरक्षण देकर बीजेपी विपक्ष के दांव की काट करना चाहती है।

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