बारामूला में सीमा पार से हथियारों की तस्करी में शामिल आतंकवादी और आठ सहयोगी गिरफ्तार
पुलिस ने कहा कि आतंकी सहयोगी पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर हथियारों और गोला-बारूद की सीमा पार तस्करी में शामिल थे और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसे लश्कर के आतंकवादियों को वितरित करते थे।पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ प्रासंगिक कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच की गई।
जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षाबलों ने अलग-अलग अभियानों में दो आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया और सीमा पार से हथियार और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल एक आतंकवादी और दो महिलाओं सहित आतंकियों के आठ सहयोगियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि आतंकी सहयोगी पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के इशारे पर सीमा पार हथियारों की तस्करी में शामिल थे और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसे लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को वितरित करते थे।
बारामूला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आमोद नागपुरे ने पत्रकारों से कहा कि पुलिस को 21 सितंबर को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि जांबाजपोरा बारामूला के रहने वाले यासीन अहमद शाह अपने घर से लापता है और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर/टीआरएफ में शामिल हो गया है। टीआरएफ या द रेजिस्टेंस फ्रंट लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। नागपुरे ने कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मानव/तकनीकी खुफिया जानकारी के आधार पर, टप्पर पट्टन में वाहनों की जांच के दौरान सुरक्षा बलों ने 22 सितंबर को आतंकवादी को पकड़ लिया। एसएसपी ने बताया कि उसके कब्जे से एक पिस्तौल, मैगजीन और आठ कारतूस सहित हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान शाह ने अपने दूसरे सहयोगी के नाम का भी खुलासा किया जिसके बाद सुरक्षा बलों ने उसके आवास पर छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी ने कहा, जांच से पता चला है कि आतंकवादी अपने पांच सहयोगियों के साथ पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहा था और अधिक आतंकवादियों को भर्ती करने और बारामूला और आसपास के इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहा था। उन्होंने बताया कि गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच चल रही है। एसएसपी ने बताया कि एक अन्य अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार कर एक आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया गया।
नागपुरे ने कहा कि उरी के परनपीलन पुल पर जांच के दौरान सुरक्षा बलों ने दाची से परनपीलन पुल की ओर आ रहे दो संदिग्धों को देखा। सुरक्षा बलों को देखते ही दोनों संदिग्ध वहां से भागने की कोशिश करने लगे लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें पकड़ लिया। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान संदिग्धों के पास से दो ग्लॉक पिस्तौल, चार मैगजीन, दो पिस्तौल साइलेंसर, पांच चीनी ग्रेनेड और 29 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया। नागपुरे ने बताया कि संदिग्धों की पहचान मीर साहिब बारामुला निवासी जैद हसन मल्ला और स्टेडियम कॉलोनी बारामूला निवासी मोहम्मद आरिफ चन्ना के रूप में हुई।
पुलिस ने कहा कि आतंकी सहयोगी पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर हथियारों और गोला-बारूद की सीमा पार तस्करी में शामिल थे और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसे लश्कर के आतंकवादियों को वितरित करते थे।पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ प्रासंगिक कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच की गई। एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान, उन्होंने अपने सहयोगी का नाम सुरनकोट पुंछ निवासी अफ्तार अहमद लोहार बताया, जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
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