भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने भूस्खलन स्थल का अध्ययन कर उपायुक्त को वस्तुस्थिति से करवाया अवगत
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम ने भूस्खलन स्थल का अध्ययन कर उपायुक्त को वस्तुस्थिति से करवाया अवगत टीम के अनुसार मौजूदा अलाइनमेन्ट पर पुनः बन सकता है रोड, एक सप्ताह में एक तरफ़ा यातायात चालू करने की रहेगी कोशिश
नाहन 04 अगस्त - उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ की तीन सदस्य टीम ने पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी राष्ट्रिय राजमार्ग 707 पर गत दिनों हुए भूस्खलन का अध्ययन कार्य पूरा कर लिया है। टीम ने भूस्खलन स्थल का पिछले कल और आज दौरा कर गहन अध्ययन कर आज उपायुक्त से उनके कार्यालय में मुलाक़ात कर वस्तुस्थिति से अवगत करवाया।
टीम ने बताया कि जहाँ भूस्खलन हुआ था उसी जगह फिर से रोड निकाला जा सकता है। इसके अतिरिक्त टीम ने यह भी बताया कि सड़क निर्माण कार्य से बड़वास गांव को कोई खतरा नहीं होगा।
उपायुक्त ने कहा कि टीम के अनुसार पहाड़ की कटाई और खाली हिस्से को भरने से रोड को पुनः बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय/राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने रोड को एक सप्ताह में एक तरफ से यातायात के लिए चालू करने का आश्वाशन दिया है।
राम कुमार गौतम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जब इस रोड का कार्य शुरू होगा तो इस कार्य में पूरा सहयोग दें ताकि जल्दी से जल्दी इस रोड को यातायात के लिए पुनः आरम्भ किया जा सके।
अध्ययन टीम का नेतृत्व कर रहे निदेशक इंजीनियरिंग भूविज्ञान मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके साथ भूविज्ञानी पी0 जगन और सहायक भूविज्ञानी ए0 पुनिया इस टीम में शामिल रहे। टीम द्वारा अध्ययन के दौरान यह पाया गया की भूस्खलन स्थल पर पहले चुना पत्थर के लिए माइनिंग होती रही है जिस वजह से उस क्षेत्र की भूमि को क्षति पहुंची होगी और भूस्खलन से दो दिन पहले हुई तेज बारिश के रिसाव की वजह से पहाड़ का कुछ हिस्सा अपनी जगह से खिसक गया।
मनोज कुमार ने बताया कि टीम ने अध्ययन में पाया है कि सड़क की मौजूदा अलाइनमेन्ट पर ही पहाड़ की कटाई और खाली हिस्से को भरने से रोड को पुनः बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इस कार्य से बड़वास गांव को भी कोई खतरा नहीं होगा।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण चंडीगढ़ के भूवैज्ञानिकों की एक तीन सदस्य टीम सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में गत 30 जुलाई को पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर हुए भूस्खलन का अध्ययन करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर पहुंची है।
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