‘संदिग्ध’ बांग्लादेशी महिला का भारतीय पति फरार, आश्रित का वीजा बढ़ाया नहीं जा सकता : अदालत

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महिला का दावा है कि रेड्डी ने इस्लाम धर्म कबूल लिया था। उसने दावा किया कि दोनों चेन्नई में रहते थे लेकिन जल्द ही उनके संबंध में खटास आ गई और महिला बांग्लादेश वापस चली गई क्योंकि जिस पर्यटक वीजा पर वह रह रही थी वह समाप्त हो गया था।

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक बांग्लादेशी महिला की भारत में रहने की अवधि बढ़ाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है। महिला का भारतीय पति फरार है और आश्रिता के लिए उसके भारतीय पति की सहमति के बिना उसका वीजा (एक्स-1 वीजा) बढ़ाया नहीं जा सकता है।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि भारत में उसकी गतिविधियां संदिग्ध थीं क्योंकि वह बांग्लादेश में एसएसजी नामक संगठन के साथ लगातार संपर्क में थी, जिसका उस देश की सेना के साथ संबंध था। साल 2003 से 2005 के बीच महिला ने ढाका में थाईलैंड दूतावास कार्यालय में काम किया था।

उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका 46 वर्षीय रक्तिमा खानम ने दायर की थी। याचिका पर न्यायमूर्ति एम नागाप्रसन्ना ने सुनवाई की। महिला ने दावा किया कि उसे बेंगलुरु के रहने वाले और भारतीय नागरिक जनार्दन रेड्डी से प्रेम हो गया था और दोनों ने दिसंबर 2017 में शादी कर ली थी।

महिला का दावा है कि रेड्डी ने इस्लाम धर्म कबूल लिया था। उसने दावा किया कि दोनों चेन्नई में रहते थे लेकिन जल्द ही उनके संबंध में खटास आ गई और महिला बांग्लादेश वापस चली गई क्योंकि जिस पर्यटक वीजा पर वह रह रही थी वह समाप्त हो गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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