निलंबित विपक्षी सांसदों का संसद के बाहर प्रदर्शन, पीयूष गोयल ने सदन बाधित करने की पूर्व नियोजित रणनीति बताया
शीतकालीन सत्र के शेष समय के लिए राज्यसभा से कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि 34 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है।
कांग्रेस के जयराम रमेश, के.सी. वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला समेत कुल 34 विपक्षी सांसद; टीएमसी के सुखेंदु शेखर रे और शांतनु सेन; राजद के मनोज कुमार झा को आज शेष सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। राज्यसभा से निलंबित कई विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। शीतकालीन सत्र के शेष समय के लिए राज्यसभा से कई विपक्षी सांसदों के निलंबन पर राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि 34 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। 11 सांसदों का मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है। आज कुल 45 राज्यसभा सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। वे नहीं चाहते थे कि सदन सुचारू रूप से चले, ये उनकी पूर्व नियोजित रणनीति थी।
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राज्यसभा से निलंबित किए जाने पर आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि मैं भी उनमें शुमार हूं। इसे गर्व की तरह ले रहा हूं कि मैं निलंबित हूं। जब काला दौर होता है ना तब तानाशाहों को ऐसी ही संसद चाहिए.... आपसे हम सवाल पूछ रहे हैं, मसला सिर्फ देश की सुरक्षा का है संसद की इमारत का नहीं है। एक आधिकारिक बयान नहीं दे सकते? आप क्या चाहते हैं? विपक्ष मुक्त संसद आपने बना लिया। जो बचे हैं उन्हें कल कर(निलंबित) देना। ये दौर याद रखा जाएगा कि जबसे प्रधानमंत्री मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में आए हैं बहुत कमजोर हो गए हैं। कमजोर व्यक्ति ही संसदीय कार्य मंत्री द्वारा इस प्रकार की हरकतों को प्रोत्साहित करता है और करवाता है।
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शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी। यह देश को स्वीकार्य नहीं है। जनता के विश्वास पर उन्हें यह जनादेश मिला है। उन्हें जनादेश इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना था। लेकिन आज सबसे सुरक्षित इमारत पर हमला हो रहा है। इस पर न तो प्रधानमंत्री बोलते हैं और न ही गृह मंत्री, अगर हमने आपका बयान मांगा तो आपने हमें सदन से निलंबित कर दिया- यह किसी को स्वीकार्य नहीं है। हम इसके लिए लड़ना जारी रखेंगे...अगर हमें निलंबित किया जा रहा है क्योंकि हम (बयान) मांग रहे हैं, तो यह हमारे लिए सम्मान का प्रतीक है।
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