सर्वे का काम पूरा, UP में करीब 8500 अवैध मदरसे, रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की तैयारी?
मदरसों के सर्वे को लेकर शुरुआत असम से हुई थी। तीन मदरसे बुलडोजर से ढाए गए। उसके बाद यूपी में भी दावे किए गए कि मदरसों का सर्वे इसलिए भी जरूरी है ताकी देखा जाए कि इनका कोई टेरर लिंक तो नहीं है।
करीब तीन महीने पहले उत्तर प्रदेश में मदरसों के सर्वे को लेकर राजनीति शुरू हुई थी। उसका पहला राउंड पूरा हो गया। उत्तर प्रदेश के जिलों में जितने भी मदरसें हैं उसका पूरा लेखा-जोखा अब उत्तर प्रदेश सरकार के पास पहुंच गया है। लेकिन सवाल ये उठता है कि सर्वे में क्या मिला? मदरसों के सर्वे को लेकर शुरुआत असम से हुई थी। तीन मदरसे बुलडोजर से ढाए गए। उसके बाद यूपी में भी दावे किए गए कि मदरसों का सर्वे इसलिए भी जरूरी है ताकी देखा जाए कि इनका कोई टेरर लिंक तो नहीं है।
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जानकरी के मुताबिक मदरसा सर्वे में सबसे ज्यादा मुरादाबाद 557 और सबसे कम हथरस में 1 गैर मान्यता प्राप्त मिला। वहीं सर्वे के दौरान संचालन के लिए होने वाले खर्च के इंतजाम की बात पूछने पर नब्बे फ़ीसदी ने चंदे की बात बताई. बता दें कि 10 सितंबर को मदरसे सर्वे का काम शुरू हुआ था।
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दूसरी पक्ष की तरफ से भी जितने विक्टिम कार्ड खेले जा सकते थे वो खेले गए। आरोप लगाया गया कि यूपी में मुसलमानों को टारगेट करने की साजिश है। उनके बच्चों को पढ़ने-लिखने से रोकने की ये चाल है। ये भी आरोप लगाए गए कि सरकार की मंशा मदरसों को बंद कराने और फिर उन पर बुलडोजर से उन्हें ढाहने की है। सर्वे को संविधान के खिलाफ भी बताया गया। यहां तक की सर्वे को छोटा एनआरसी भी कह दिया गया।
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