रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा के लिए झटका नहीं: दिलीप घोष
उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीति में कभी आपको सफलता मिलती है तो कभी पराजय का सामना करना पड़ता है, लेकिन झटका जैसा कुछ नहीं होता है। हमारे पास जनता तक पहुंचने के लिए अन्य योजनाएं हैं।’
कोलकाता। भाजपा ने पश्चिम बंगाल में पार्टी की रथ यात्रा पर अस्थायी रोक लगाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को मंगलवार को झटका मानने से इनकार किया। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया। भगवा दल ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के बाद भावी कार्रवाई के बारे में निर्णय किया जाएगा।
SC refused to give a go ahead for the BJP's Yatra in West Bengal. The Apex Court, however, said that the BJP state unit can conduct meetings and rallies. SC said, if BJP comes out with a revised plan of fresh Yatra, that may be considered afresh later. pic.twitter.com/TbvYiRQply
— ANI (@ANI) January 15, 2019
शीर्ष अदालत ने लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा पर अस्थायी रोक लगा दी। अदालत ने पार्टी को राज्य सरकार को संशोधित प्रस्ताव देकर नए सिरे से मंजूरी लेने को कहा। बनर्जी ने राज्य सचिवालय में कहा, ‘‘ मैं अदालत के आदेश का स्वागत करती हूं। मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी।’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को झटका मानने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी तृणमूल कांग्रेस नीत राज्य सरकार के ‘कुशासन’ का भंडाफोड़ करने के लिए अन्य कार्यक्रम चलाएगी।
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उन्होंने कहा, ‘‘ राजनीति में कभी आपको सफलता मिलती है तो कभी पराजय का सामना करना पड़ता है, लेकिन झटका जैसा कुछ नहीं होता है। हमारे पास जनता तक पहुंचने के लिए अन्य योजनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यह निश्चित है कि (यात्रा की) नई योजना सौंपने के बावजूद राज्य सरकार हमें इजाजत नहीं देगी।’’ तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने दावा किया कि भाजपा का रथ यात्रा निकालने का मकसद शांति को बाधित करना और सांप्रदायिक उन्माद को भड़काना था।
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