Hindenburg रिपोर्ट के खिलाफ सुनवाई के लिए SC तैयार, जानिए याचिका में क्या की गई है मांग?
सीजेआई ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की और जनहित याचिका को एक और के साथ टैग करने का निर्देश दिया जो कल (10 फरवरी 2023) को सूचीबद्ध है।
सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच को लेकर दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया है। याचिका में रिपोर्ट की जांच शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है। पीआईएल याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए आज मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के समक्ष उल्लेख किया।
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मुख्य न्यायाधीश द्वारा यह पूछे जाने पर कि मामला क्या है, अधिवक्ता विशाल तिवारी ने कहा-ऐसी ही एक याचिका कल भी आ रही है। यह हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित है जिसने देश की छवि को धूमिल किया है और नुकसान पहुंचाया है। दूसरे मामले के साथ इस पर भी कल सुनवाई हो सकती है। तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में हिंडबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की सामग्री की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक समिति के गठन की मांग की गई है।
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सीजेआई ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की और जनहित याचिका को एक और के साथ टैग करने का निर्देश दिया जो कल (10 फरवरी 2023) को सूचीबद्ध है। विचाराधीन अन्य याचिका सीरियल वादी एडवोकेट एमएल शर्मा द्वारा दायर की गई है और 'शॉर्ट-सेलिंग' को धोखाधड़ी का अपराध घोषित करने की मांग करती है। उक्त याचिका हिंडनबर्ग के संस्थापक नाथन एंडरसन के खिलाफ जांच की मांग करती है, "कृत्रिम क्रैशिंग की आड़ में शॉर्ट सेलिंग के माध्यम से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने के लिए"।
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