Supreme Court के पटाखों पर बैन का नहीं हुआ कोई असर, जमकर हुई आतिशबाजी से AQI बढ़ा
दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषित स्थल इंडिया गेट रहा। इसके अलावा आनंद विहार, जहांगीरपुरी, आरके पुरम, ओखला, श्रीनिवास पुरी, वजीरपुर, बवाना और रोहिणी जैसे इलाकों में भी प्रदूषण बेहद गंभीर स्थिति को पार कर चुका है। दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े जाने के कारण प्रदूषण फिर बढ़ गया है वही विजिबिलिटी भी काफी कम हुई है।
दिवाली के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के बहन के बावजूद जमकर आतिशबाजी और पटाखे फोड़े गए जिससे प्रदूषण का स्तर एक बार फिर से बेहद अधिक बढ़ गया है। राजधानी दिल्ली और एनसीआर में हर तरफ धुआं ही धुआं नजर आ रहा है। दिवाली की शाम तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 218 पर था लेकिन दिवाली के अगले दिन सुबह इसका स्तर 999 पर पहुंच गया है।
दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषित स्थल इंडिया गेट रहा। इसके अलावा आनंद विहार, जहांगीरपुरी, आरके पुरम, ओखला, श्रीनिवास पुरी, वजीरपुर, बवाना और रोहिणी जैसे इलाकों में भी प्रदूषण बेहद गंभीर स्थिति को पार कर चुका है। दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े जाने के कारण प्रदूषण फिर बढ़ गया है वही विजिबिलिटी भी काफी कम हुई है। इंडिया गेट के आसपास 100 मीटर तक भी देखने में परेशानी हो रही है।
नहीं माना गया सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्र राजधानी दिल्ली समेत देश भर में पटाखे फोड़े जाने पर बैन लगाया था। दिवाली के दिन शाम तक साफ हवा का पिछले 8 सालों का रिकॉर्ड टूटा था लेकिन दिल्ली वालों ने दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़ जिससे प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ गया है। दिल्ली में लगातार गंभीर समस्या बन रहे प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ समय पहले ही पटाखे और आतिशबाजी की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर रोक लगा दी थी। लेकिन दिवाली की शाम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की जमकर धज्जियां बनाई गई और दिल्ली एनसीआर में आतिशबाजी जमकर की गई।
ऐसा रहा एक्यूआई
रविवार देर रात तक आतिशबाजी होने से कम तापमान के बीच प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई। सुबह सात बजे एक्यूआई 275 (खराब श्रेणी) पर था। शादीपुर (315), आयानगर (311), लोधी रोड (308), पूसा (355) और जहांगीरपुरी (333) सहित कुछ क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। इन क्षेत्रों में पीएम2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन तंत्र में प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात से आठ गुना अधिक रही। आतिशबाजी से राजधानी के ओखला और जहांगीरपुरी सहित कई स्थानों पर सुबह के समय पीएम 2.5 की सांद्रता 1,000 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक हो गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था। दिवाली के एक दिन बाद शहर का एक्यूआई 2015 में 360, 2016 में 445, 2017 में 403, 2018 में 390, 2019 में 368, 2020 में 435, 2021 में 462 और 2022 में 303 था। एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा , 51 से 100 के बीच संतोषजनक , 101 से 200 के बीच मध्यम , 201 से 300 के बीच खराब , 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 450 के बीच गंभीर माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे अति गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
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