प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन जारी, अखिलेश का योगी सरकार पर तंज- उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, नौकरी नहीं जिनका एजेंडा

Students agitation
ANI
अंकित सिंह । Nov 12 2024 12:06PM

पूरे मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के कार्यालय के सामने तनाव और बढ़ गया, जहां कुछ सौ अभ्यर्थी नई घोषित परीक्षा समय सारिणी का विरोध करने लगे। छात्र इस बात पर जोर दे रहे हैं कि पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) और दो अन्य पदों, आरओ/एआरओ (समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी) के लिए परीक्षाओं का कार्यक्रम एक ही दिन में, केवल एक पाली में और नई समय सारिणी में जोड़ी गई सामान्यीकरण प्रणाली के बिना किया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: अखिलेश यादव का हमला, युवाओं से धोखा करने वाली बीजेपी को हराना अब वक्त की जरूरत है

यूपीपीएससी द्वारा एक संशोधित कार्यक्रम जारी करने के तुरंत बाद प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसके कारण पीसीएस परीक्षा बीच में एक ब्रेक के साथ दो अलग-अलग दिनों में आयोजित की गई, यानी एक 7 तारीख को और दूसरी 8 दिसंबर को, जबकि आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा परीक्षाएं 22 और 23 दिसंबर को तीन दिनों में होंगी। इसने बड़ी संख्या में उन छात्रों को परेशान किया जो परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरने में सक्षम थे और उनमें से कई बिट्स और टुकड़ों में परीक्षा कार्यक्रम को असंगत और कठोर मानते थे।

अभ्यर्थी, जो कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, बड़ी संख्या में प्रयागराज और राज्य के अन्य हिस्सों में एकत्र हुए और मांग की कि परीक्षा एक दिन में, एक पाली में और सामान्यीकरण प्रक्रिया के बिना आयोजित की जाए। उनका तर्क है कि परीक्षा से ठीक एक महीने पहले जारी किए गए संशोधित कार्यक्रम से अनावश्यक भ्रम पैदा हुआ है और यह उनकी तैयारी के लिए हानिकारक है। छात्रों ने अधिसूचना के समय पर निराशा व्यक्त की, उन्होंने बताया कि पीसीएस जैसी प्रमुख परीक्षा की तारीखें बहुत पहले तय होनी चाहिए थीं।

पूरे मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा के लोग, जनता को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं, जिससे भाजपाई साम्प्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों-साल वैकेंसी या तो निकलती नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है। भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है। 

उन्होंने आगे कहा कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवारवाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरीपेशा, पढ़ा-लिखा मध्यवर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहलावे-फुसलावे में आनेवाला नहीं। अब तो ह्वाट्सऐप ग्रुप के झूठे भाजपाई प्रचार के शिकार अभिभावकों को भी समझ आ गया है कि अपनी सत्ता पाने और बचाने के लिए भाजपा ने कैसे उनका भावनात्मक शोषण किया है। अखिलेश ने तंज भरे लहजे में कहा कि उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा, ‘नौकरी’ नहीं जिनका एजेंडा!

इसे भी पढ़ें: अखिलेश यादव का आजम खान के परिवार से मिलकर मुस्लिम वोटों को जोड़ने की कोशिश

सपा नेता ने कहा कि अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आनेवाले नहीं और बाँटनेवाली साम्प्रदायिक राजनीति को नकार के ‘जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति’ को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक ग़ुलाम बनने को तैयार नहीं हैं। अब सब समझ गये हैं, भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होनेवाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़