MP में 15 साल बाद होंगे छात्रसंघ चुनाव, प्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाएंगे छात्र नेता
15 साल पहले 2003 से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद छात्रसंघ चुनाव बंद हो गए थे। लेकिन प्रदेश में नेतृत्व बदलने के बाद अब छात्रसंघ चुनाव करवाने की घोषणा प्रदेश सरकार ने कर दी है।
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद अब छात्रसंघ चुनाव की तैयारी कमलनाथ सरकार कर रही है। ताकि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों से युवा नेतृत्व निकल कर सामने आ सके। 15 साल पहले 2003 से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद छात्रसंघ चुनाव बंद हो गए थे। लेकिन प्रदेश में नेतृत्व बदलने के बाद अब छात्रसंघ चुनाव करवाने की घोषणा प्रदेश सरकार ने कर दी है।
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छात्रसंघ चुनाव को लेकर अपनी घोषणा में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के लगभग 1300 महाविद्यालयों और सभी विश्वविद्यालयों में शांतिपूर्ण चुनाव कराना हमारी जिम्मेदारी रहेगी यह चुनाव सितंबर और अक्टूबर मैं करवाए जाएंगे। छात्र संघ चुनाव को लेकर कांग्रेस की छात्र विंग एनएसयूआई और भाजपा से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी छात्र संघ चुनाव करवाने को लेकर कई बार सरकार को ज्ञापन दे चुकी है।
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने छात्रसंघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने का ऐलान करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनी तो प्रत्यक्ष प्रणाली से छात्र संघ चुनाव करवाए जाएंगे। इसी वादे को पूरा करने के लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाए जाने की घोषणा की गई है।
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प्रत्यक्ष प्रणाली के तहत होने वाले छात्रसंघ चुनाव में छात्र कक्षा प्रतिनिधि से लेकर कॉलेज अध्यक्ष का चुनाव करेंगे। सन् 2003 से पहले कांग्रेस शासनकाल में छात्रसंघ चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाए जाते थे जिसमें छात्र कक्षा प्रतिनिधि को चुनते थे जिसके बाद, कक्षा प्रतिनिधि कालेज अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों का चुनाव करते थे। लेकिन प्रत्यक्ष प्रणाली में अब छात्र डायरेक्ट अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को चुन सकेंगे और विश्वविद्यालयों के अंतर्गत आने वाली महाविद्यालयों के अध्यक्ष विश्वविद्यालय अध्यक्ष के लिए अपनी सहभागिता कर सकेंगे।
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