छात्रों के मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार पर बरसे वरुण, बोले- छात्र सिर्फ पढ़ाई नहीं करता, अपने हक की लड़ाई भी लड़ता है
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नहीं करता है बल्कि अपने हक की लड़ाई भी स्वयं ही लड़ता है। उन्होंने ट्वीट किया कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है।
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने सोमवार को बेरोजगारी और भर्तियों को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है। दरअसल, वरुण गांधी गरीबों, युवाओं और किसानों समेत तमाम ज्वलंत मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखते हैं।
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इसी बीच वरुण गांधी ने अपनी ही सरकार को घेरते हुए कहा कि छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नहीं करता है बल्कि अपने हक की लड़ाई भी स्वयं ही लड़ता है। उन्होंने ट्वीट किया कि अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्तां बन चुका है। छात्र अब सिर्फ पढ़ाई नही करता, अपने हक की लड़ाई भी स्वयं लड़ता है। अरसों से लटकी भर्तियां और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है।
भाजपा सांसद ने कहा कि बिना कारण रिक्त पड़े पद, लीक होते पेपर, सिस्टम पर हावी होता शिक्षा माफिया, कोर्ट-कचहरी व टूटती उम्मीद। छात्र अब प्रशासनिक अक्षमता की कीमत भी स्वयं चुका रहा है। चयन सेवा आयोग कैसे बेहतर हो,परीक्षाएं कैसे पारदर्शी एवं समय पर हों, इसपर आज और अभी से काम करना होगा। कहीं देर ना हो जाए।
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इससे पहले उन्होंने राशन कार्ड की पात्रता को लेकर बनाए जा रहे नए नियमों का हवाला देते हुए अपनी ही सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि चुनाव से पहले पात्र और चुनाव के बाद अपात्र? जनसामान्य के जीवन को प्रभावित करने वाले सभी मानक अगर ‘चुनाव’ देख कर तय किए जाएँगे तो सरकारें अपनी विश्वसनीयता खो बैठेंगी। चुनाव खत्म होते ही राशनकार्ड खोने वाले करोड़ों देशवासियों की याद सरकार को अब कब आएगी? शायद अगले चुनावों में..!
अपने कंधों पर पूरे परिवार की उम्मीदों का बोझ लेकर चलने वाले प्रतियोगी छात्रों का जीवन विगत कुछ वर्षों से एक लंबे संघर्ष की दास्ताँ बन चुका है।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) May 23, 2022
छात्र अब सिर्फ ‘पढ़ाई’ नही करता, अपने हक की ‘लड़ाई’ भी स्वयं लड़ता है।
अरसों से लटकी भर्तियाँ और रेत की तरह फिसलता वक्त, छात्र हताश है।
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