पराली समस्या पर बोले अरविंद केजरीवाल, पूसा का 'बायो-डीकम्पोजर' सफल, SC को बताएंगे

Arvind Kejriwal

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली ने कृषि अपशिष्ट को जलाने की समस्या का समाधान तलाश लिया है और अब कोई राज्य बहाना नहीं बना सकता है।

नयी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूसा द्वारा तैयार ‘बायो डीकम्पोजर’ (एक प्रकार का घोल) दिल्ली में सफल है और उनकी सरकार उच्चतम न्यायालय को बताएगी कि पराली को जलाने से रोकने का यह एक प्रभावी तरीका है। केजरीवाल ने उत्तर दिल्ली के हीरांकी गांव में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि दिल्ली ने कृषि अपशिष्ट को जलाने की समस्या का समाधान तलाश लिया है और अब कोई राज्य बहाना नहीं बना सकता है। पूसा बायो डीकम्पोजर को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा ने विकसित किया है जो कृषि अपशिष्ट को 15 से 20 दिन में खाद में तब्दील कर देता है जिससे उन्हें जलाने की जरूरत नहीं होगी। पूसा बायो डीकम्पोजर का छिड़काव नरेला के हीरांकी गांव में गैर बासमती धान के खेतों में मुफ्त में किया गया। 

इसे भी पढ़ें: दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में, पराली जलाने की भागीदारी 40 फीसदी 

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पूसा बायो डीकम्पोजर सफल रहा है। इसने पराली और कृषि अपशिष्ट को पूरी तरह से सड़ाकर खाद में तब्दील कर दिया है। किसान अब अपने खेतों में अगली फसल की बुआई कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय को भी बताने जा रहे हैं कि यह पराली को जलाने से रोकने का प्रभावी तरीका है।’’ केजरीवाल ने कहा, ‘‘ दिल्ली के लोगों और पूसा संस्थान ने पराली जलाने का किफायती उपाय ढूंढ़ लिया है। मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी साल होगा जब हम इसे (पराली जलाने से प्रदूषण) बर्दाश्त करेंगे। अब राज्य बहाना नहीं बना सकेंगे।’’ उन्होंने कहा इससे पहले उन्होंने पूसा बायो डीकम्पोजर के बारे में बताने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेडकर से फोन पर बात की थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़