कोरोना वायरस निरोधक अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव, दो महिला डॉक्टर जख्मी
महिला डॉक्टर ने बताया कि हमने जैसे ही इन लोगों से उनकी सेहत की स्थिति से जुड़े सवाल करने शुरू किये, तो उन्होंने इसका विरोध किया। तभी वहां कुछ और लोग आ धमके जिन्होंने हम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिये। शुक्र है कि कुछ पुलिस कर्मी पास ही थे, इसलिये हमारी जान बच गयी।
इंदौर। कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गये स्वास्थ्य कर्मियों पर यहां बुधवार को कुछ लोगों ने अचानक पथराव कर दिया। पथराव के कारण दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी हैं। यह घटना शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में हुई। वहां कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य विभाग के पांच सदस्यीय दल में शामिल एक महिला डॉक्टर ने अपनी पहचान का खुलासा करने से इंकार करते हुए संवाददाताओं से कहा कि मैं बहुत डरी हुई हूं। हम कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आये लोगों को ढूंढने गये थे।
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महिला डॉक्टर ने बताया, हमने जैसे ही इन लोगों से उनकी सेहत की स्थिति से जुड़े सवाल करने शुरू किये, तो उन्होंने इसका विरोध किया। तभी वहां कुछ और लोग आ धमके जिन्होंने हम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिये। शुक्र है कि कुछ पुलिस कर्मी पास ही थे, इसलिये हमारी जान बच गयी। इस बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा, हमारा दल लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिये काम कर रहा था। लेकिन रहवासियों ने नासमझी में इस दल पर ही पथराव कर दिया। उन्होंने कहा, पथराव में हमारी दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आयी हैं। पथराव के दौरान दोनों महिला डॉक्टरों ने तहसीलदार की गाड़ी में किसी तरह छिप कर खुद को बचाया। जड़िया ने बताया कि घटना की शिकायत छत्रीपुरा पुलिस थाने में दर्ज करा दी गयी है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, घटना के दौरान बैरिकेड तोड़े गये हैं और पथराव भी किया गया है। इन दोनों घटनाओं पर पुलिस संज्ञान ले रही है। बहरहाल, यह कोई पहली घटना नहीं है जब कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ शहर में अभियान चला रहे स्वास्थ्य कर्मियों को अप्रिय हालात का सामना करना पड़ा हो।इस महामारी की रोकथाम करने पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों को यहां रविवार को भी अलग-अलग घटनाओं में असहयोग, बदसलूकी और धमकियों तक का शिकार होना पड़ा था। इन वाकयों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे। इन मामलों की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि ये घटनाएं कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आम लोगों में जागरूकता की कमी और सोशल मीडिया पर फैल रही अलग-अलग अफवाहों के कारण सामने आ रही हैं।
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