सरकारी अथवा वन भूमि पर निर्मित मन्दिरों के नाम भूमि हस्तांतरित करने पर विचार करेगी प्रदेश सरकारः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शहर वास्तव में देवी-देवताओं की भूमि है और तभी इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के प्रत्येक गांव का अपना देवता और उनका मन्दिर होता है। उन्होंने कहा कि मंडी के अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में सैंकड़ों देवी-देवता अपने देवलुओं के साथ भाग लेते हैं मगर उन देवलुओं के ठहरने के लिए स्थान का अभाव काफी समय से बना हुआ था।
शिमला । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज मंडी के संस्कृति सदन में आयोजित कारदार संघ की बैठक को संबोधित करते हुए घोषणा की कि राज्य सरकार ऐसी सरकारी अथवा वन भूमि जिस पर मन्दिर निर्मित किए गए हैं, को उनके नाम हस्तांतरित करने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शहर वास्तव में देवी-देवताओं की भूमि है और तभी इसे छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के प्रत्येक गांव का अपना देवता और उनका मन्दिर होता है। उन्होंने कहा कि मंडी के अन्तरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में सैंकड़ों देवी-देवता अपने देवलुओं के साथ भाग लेते हैं मगर उन देवलुओं के ठहरने के लिए स्थान का अभाव काफी समय से बना हुआ था। उन्होंने कहा कि संस्कृति सदन का निर्माण उनकी इस आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए देव सदन कुल्लू की तर्ज पर किया गया है जहां हर वर्ष अन्तरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव आयोजित किया जाता है।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के लोगों की देवी-देवताओं में अगाध श्रद्धा है। उन्होंने देव समाज से नशे की समस्या को दूर करने में आगे बढ़कर अपना सहयोग देने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस सामाजिक कुरीति से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमें पहल करनी होगी। उन्होंने शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बजंतरियों को सामूहिक देवधुन के आयोजन का भी सुझाव दिया। उन्होंने देव समाज से स्वच्छता अभियान में सहभागिता का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि मन्दिर समितियों को राज्य में गौ-अभ्यारण्य एवं गौ-सदनों के संचालन जैसी अन्य समाजिक गतिविधियों में भी आगे आना चाहिए।
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उन्होंने संस्कृति सदन की आगन्तुक पुस्तिका में अपनी टिप्पणी भी लिखी। सर्वदेवता सेवा समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए बजंतरियों के मानदेय में 100 प्रतिशत और देवताओं के नजराने मेें 33 प्रतिशत वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने संस्कृति सदन के लोकार्पण के लिए भी उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर देवी-देवताओं के मंदिर काफी अरसे से निर्मित किए गए हैं और ऐसे में यह भूमि देवताओं के नाम पर हस्तांतरित की जानी चाहिए। इस अवसर पर विधायक विनोद कुमार, जवाहर ठाकुर और इंद्र सिंह गांधी, बाल कल्याण परिषद की महासचिव पायल वैद्य, मिल्कफैड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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