जाली स्टाम्प पेपर घोटोले के दोषी तेलगी का निधन
करोड़ों रुपये के जाली स्टाम्प पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी का गुरुवार को यहां के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया। उसके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
बेंगलुरू। करोड़ों रुपये के जाली स्टाम्प पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी का गुरुवार को यहां के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया। उसके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वह 56 वर्ष का था और करीब एक सप्ताह से जीवन के लिए संघर्ष कर रहा था। तेलगी का इलाज करने वाले अस्पताल के डॉ. बालाजी एस पई ने बताया, ‘‘तेलगी अब नहीं रहा। उसने शाम 3:55 बजे अंतिम सांस ली। उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।’’
तेलगी यहां केंद्रीय कारागार में 30 साल का सश्रम कारावास काट रहा था। उसके परिवार में पत्नी, पुत्री और दामाद हैं। अस्पताल के ट्रोमा केयर सेंटर के बयान के अनुसार तेलगी की हालत गंभीर थी और दोपहर बाद उसे दिल का दौरा पड़ा। पहले तेलगी के वकील ने अदालत में आरोप लगाया था कि उसे जेल में एचआईवी संक्रमित सिरिंज लगाई गयी थी। पुलिस और जेल के अधिकारियों ने इसे सीधे तौर पर खारिज कर दिया था। जाली स्टांप पेपर घोटाले के सिलसिले में नवंबर 2001 में अजमेर में गिरफ्तारी के पांच साल बाद एक अदालत ने उसे 30 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
उस पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। वह पिछले 16 साल से यहां की परापाना अग्रहारा केंद्रीय जेल में बंद था। कुछ दिन पहले वह तब खबरों में आया था जब तत्कालीन डीआईजी (कारावास) डी रूपा ने आरोप लगाया था कि तेलगी उन कैदियों में शामिल है जिनके साथ जेल में विशेष बर्ताव किया जाता है। पूर्व रेलवे कर्मचारी के बेटे तेलगी ने 2001 में पकड़े जाने से पहले करीब एक दशक तक फर्जी स्टांप पेपर का अवैध कारोबार चलाया। तब खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने इस घोटाले को 20 हजार करोड़ रुपये का बताया था। कर्नाटक के बेलगावी जिले के खानापुर के रहने वाले तेलगी ने ट्रेनों में सब्जी और फल बेचकर जीवन की शुरूआत की थी। बाद में वह सऊदी अरब चला गया और सात साल बाद जब लौटा तो जालसाजी के इस कारोबार में घुस चुका था। तेलगी कई बीमारियों से पीड़ित था।
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