Yes Milord: 31 साल पुराने रेप केस में 215 सरकारी कर्मचारी दोषी, श्रीराम जन्मभूमि की तरह होगी मथुरा मामले की सुनवाई? जानें कोर्ट में इस हफ्ते क्या हुआ

Shri Ram Janmabhoomi
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Sep 30 2023 3:24PM

25 सितंबर से 30 सितंबर 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। श्रीराम जन्मभूमि की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में भी रोजाना सुनवाई की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। हाई कोर्ट ने कहा है कि भगवत गीता और रामचरित मानस जैसे धार्मिक ग्रंथों पर कोई कॉपीराइट नहीं है। 70 जजों की नियुक्ति व तबादले में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट से स्पाइसजेट को बड़ी राहत मिल गई है। इस सप्ताह यानी 25 सितंबर से 30 सितंबर 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।

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नियुक्ति में देरी से सुप्रीम कोर्ट नाराज़

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को जजों की नियुक्ति में देरी पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि कलीजियम की 70 सिफारिशें अब भी सरकार के पास अटकी हुई हैं। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि वह इस मुद्दे को हल करने के लिए अपने ऑफिस का इस्तेमाल करें। अटॉर्नी जनरल ने नियुक्ति के लिए पेंडिंग सिफारिशों पर निर्देश लेने के लिए एक हफ्ते का समय मांगा। इस पर जस्टिस कौल ने कहा कि आज मैं चुप हूं क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने बहुत कम समय मांगा है, लेकिन अगली बार मैं चुप नहीं रहूंगा। मैंने बहुत कुछ कहने के बारे में सोचा था, लेकिन अटॉर्नी जनरल सिर्फ 7 दिन मांग रहे हैं, इसलिए मैं खुद को रोक रहा हूं।

धार्मिक ग्रंथों पर कॉपीराइट का दावा नहीं कर सकते

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति की नई तस्वीरें जारी की हैं। जिसमें ग्राउंड के साथ मंदिर के फर्स्ट फ्लोर के तेजी हो रहे निर्माण को दिखाया गया है। इसके गुंबदों का निर्माण भी हो रहा है जो 50 फीसदी के करीब पूरा हो गया है। गर्भ गृह पूरी तरह से बनकर तैयार है। फर्श का काम भी अगले महीने तक पूरा हो जाएगा। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण- प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी। वहीं, मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक मंदिर में भगवान राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अगले साल 16 से 24 जनवरी के बीच होगा, जोकि पीएम मोदी के कार्यक्रम पर तय होगा।

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श्रीराम जन्मभूमि की तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में रोजाना सुनवाई की मांग

योध्या में श्रीराम मंदिर मामले की तरह ही मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण की रोजाना सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास ट्रस्ट की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में सभी सम्बंधित मामले सुनवाई के लिए हाईकोर्ट की विशेष बेंच को सौंपे जाने की मांग भी की गई है। शीर्ष अदालत में प्रार्थना पत्र पर 17 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। जिला जज ने ज्ञानवापी में चल रहे ASI के सर्वे को रोकने को लेकर मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमिटी ने जिला जज की अदालत में अर्जी देकर श्रृंगार गौरी केस की वादिनी महिलाओं से बिना फीस जमा कराए ASI से सर्वे कराए जाने और इस संबंध में नोटिस तामील न कराए जाने की बात कही थी। कहा था सर्वे तय नियमों के खिलाफ किया जा रहा है। इसलिए इसे रोका जाए।

सुप्रीम कोर्ट से स्पाइसजेट को मिली राहत

सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट को उन कर्मचारियों को फिर से काम पर रखने के लिए उच्च न्यायालय के आदेश में संशोधन के लिए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी है, जिनके सेवा अनुबंध 31 दिसंबर, 2021 को कोविड-19 महामारी के बाद समाप्त हो गए थे या कथित तौर पर समाप्त हो गए थे। शीर्ष अदालत ने घरेलू कम लागत वाली एयरलाइन से अपने "कम उड़ान संचालन" (केवल 165 दैनिक उड़ानों तक कम) को संशोधन की तलाश के आधार के रूप में उद्धृत करने के लिए कहा और कहा कि कर्मचारियों की सेवा की अवधि और कटौती से संबंधित दस्तावेज उड़ान संचालन की संख्या को उच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाए।

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31 साल पुराने रेप केस में 215 सरकारी कर्मचारी दोषी

मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को 2011 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जिसमें 1992 में चंदन की तस्करी के लिए छापेमारी के दौरान धर्मपुरी जिले के वाचथी गांव में आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार और आदिवासी बस्तियों में तोड़फोड़ करने के लिए 200 से अधिक वन, राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारियों को दोषी ठहराया गया था। न्यायमूर्ति पी वेलमुरुगन ने राज्य को 18 बलात्कार पीड़ितों में से प्रत्येक को मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये का भुगतान करने, उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को उपयुक्त सरकारी नौकरी देने और आजीविका बढ़ाने के उपाय करने का भी आदेश दिया। 29 सितंबर को 215 लोगों को जेल भेज दिया। 

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