इंडियन स्पेस एसोसिएशन के कार्यक्रम में बोले PM मोदी, 21वीं सदी में स्पेस दुनिया को जोड़ने में निभाए अहम भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 स्तंभों पर आधारित है। प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आज़ादी, सरकार की संबल के रूप में भूमिका, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना और स्पेस सेक्टर को सामान्य मानवी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना है।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इंडियन स्पेस एसोसिएशन के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज जितनी निर्णायक सरकार भारत में है, इतनी पहले कभी नहीं रही। स्पेस क्षेत्र और स्पेस तकनीक को लेकर आज भारत में जो रिफॉर्म हो रहे हैं, वो इसी की कड़ी है। मैं इंडियन स्पेस एसोसिएशन के गठन के लिए बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
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महान सपूतों की जयंती आज
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के दो महान सपूतों भारत रत्न श्री जयप्रकाश नारायण जी और भारत रत्न श्री नानाजी देशमुख जी की जन्म जयंती भी है। आजादी के बाद भारत को दिशा देने में इन दोनों महान व्यक्तित्व की बहुत बड़ी भूमिका रही है।उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर, सबके प्रयास से राष्ट्र में कैसे बड़े-बड़े परिवर्तन आते हैं, इनका जीवन दर्शन हमें आज भी इसकी प्रेरणा देता है। मैं जय प्रकाश नारायण जी और नानाजी देशमुख जी को नमन करता हूं, अपनी श्रद्धांजलि देता हूं।उन्होंने कहा कि जब हम स्पेस रिफ़ॉर्म्स की बात करते हैं, तो हमारी अप्रोच 4 स्तंभों पर आधारित है। प्राइवेट सेक्टर को इनोवेशन की आज़ादी, सरकार की संबल के रूप में भूमिका, भविष्य के लिए युवाओं को तैयार करना और स्पेस सेक्टर को सामान्य मानवी की प्रगति के संसाधन के रूप में देखना है।क्या है आत्मनिर्भर भारत ?इस बीच प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान सिर्फ एक विजन नहीं है बल्कि एक सुविचारित, सुनियोजित एकीकृत आर्थिक रणनीति भी है। एक ऐसी रणनीति जो भारत के उद्यमियों, भारत के युवाओं के कौशल की क्षमताओं को बढ़ाकर, भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावर हाउस बनाए।इसे भी पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य में भारतीय परंपरा की भूमिका को चिकित्सा पाठ्यक्रम में किया जाए शामिल: मांडविया
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि 20वीं सदी में स्पेस और स्पेस पर राज करने की प्रवृत्ति ने दुनिया के देशों को किस तरह विभाजित किया। अब 21वीं सदी में स्पेस, दुनिया को जोड़ने में, यूनाइट करने में अहम भूमिका निभाए, ये भारत को सुनिश्चित करना होगा।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत आज जिस अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है, जो रिफॉर्म कर रहा है उसका आधार है, भारत के सामर्थ्य पर अटूट विश्वास। इस सामर्थ्य के आगे आने वाली हर रुकावट को दूर करना हमारी सरकार का दायित्व है और इसके लिए सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है।इसे भी पढ़ें: कोयला संकट के समय केंद्र ने मूंदी आंखें, ऑक्सीजन संकट पर भी यही किया था: मनीष सिसोदिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम लेकर सरकार एक स्पष्ट नीति के साथ आगे बढ़ रही है और जहां सरकार की आवश्यकता नहीं है, ऐसे ज्यादातर सेक्टर्स को निजी उद्यम के लिए ओपन कर रही है। अभी एयर इंडिया से जुड़ा जो फैसला लिया गया है वो हमारी प्रतिबद्धता और गंभीरता को दिखाता है।
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