महागठबंधन को बड़ा झटका, विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं हुईं सपा और बसपा
बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर फिलहाल सपा और बसपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। दूसरी तरफ, बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के नेता भी सपा और बसपा की अनुपस्थिति पर कुछ बोलने से बचते नजर आए।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता के प्रयास को सोमवार को उस वक्त झटका लगता दिखाई दिया जब शीतकालीन सत्र से पहले बुलाई गई् विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर फिलहाल सपा और बसपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। दूसरी तरफ, बैठक में शामिल हुए विभिन्न दलों के नेता भी सपा और बसपा की अनुपस्थिति पर कुछ बोलने से बचते नजर आए।
Delhi: Dr Manmohan Singh, Mamata Banerjee, Chandrababu Naidu, Arvind Kejriwal, Farooq Abdullah, MK Stalin and others arrive at Parliament House Annexe for meeting of opposition parties pic.twitter.com/sWEv6b4tIO
— ANI (@ANI) December 10, 2018
वैसे, रविवार को सपा सूत्रों ने कहा था कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के भी इस बैठक में शामिल होने की संभावना है लेकिन यदि वह किसी कारणवश नहीं शामिल हो पाये तो पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोपाल यादव बैठक में मौजूद रहेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस सहित कुल 16 विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक में शामिल एक नेता ने बताया कि कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने बैठक की शुरूआत में विभिन्न दलों के नेताओं का स्वागत किया और मौजूदा समय में विपक्षी एकजुटता की जरूरत पर जोर दिया। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं एचडी देवगौड़ा, कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, एके एंटनी, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे एवं गुलाब नबी आजाद शामिल हुए।
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संसद भवन सौंध में हो रही बैठक में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह एवं भगवंत मान, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार एवं प्रफुल्ल पटेल, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और भाकपा के महासचिव एस सुधाकर रेड्डी एवं सचिव डी राजा ने भाग लिया।
इनके साथ ही तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू, के. राममोहन एवं वाईएस चौधरी, द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन, कनिमोई एवं टीआर बालू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव, मनोज झा एवं जयप्रकाश नारायण यादव, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के हेमंत सोरेन, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव, केरल कांग्रेस (एम) के एमके मणि, एआईयूडीएफ के बदरूद्दीन अजमल, झारखंड विकास मोर्चा के बाबू लाल मरांडी, हिंदुस्तान अवामी मोर्चा (हम) के जीतन राम मांझी, जद(एस) के दानिश अली, आईयूएमएल के पीके कुनालीकुट्टी, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और एनपीएफ के केजी केने भी इस बैठक में शामिल हुए।
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विपक्षी एकजुटता एवं शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति के अलावा यह बैठक इस मायने में महत्वपूर्ण है कि यह मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा और संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले हुई है।
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