समाजसेवी और लेखिका सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया
इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति (73) कन्नड और अंग्रेजी साहित्य में अपने योगदान के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्हें साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार, पद्म श्री (2006) और पद्म भूषण (2023) से सम्मानित किया जा चुका है।
नयी दिल्ली। पेशे से इंजीनियर समाजसेवी एवं लेखिका सुधामूर्ति को शुक्रवार को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके विभिन्न क्षेत्रों में योगदान की सराहना की। इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति (73) कन्नड और अंग्रेजी साहित्य में अपने योगदान के लिए भी प्रसिद्ध हैं। उन्हें साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार, पद्म श्री (2006) और पद्म भूषण (2023) से सम्मानित किया जा चुका है।
सुधा मूर्ति टेल्को के साथ काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर थीं। वह अपने पति एन आर नारायण मूर्ति को इंफोसिस शुरू करने के लिए अपने आपातकालीन निधि से 10,000 रुपये की प्रारंभिक पूंजी प्रदान करने के लिए जानी जाती हैं, जिसका अब बाजार मूल्य करीब 80 अरब अमेरिकी डॉलर है। संसद के उच्च सदन के लिए उनका नामांकन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हुआ। सुधा मूर्ति के पास सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस में 0.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य मौजूदा कीमतों के आधार पर करीब 5,600 करोड़ रुपये है। उनकी बेटी अक्षता की शादी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ हुई है।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उच्च सदन में उनकी मनोनयन ‘नारी शक्ति’ का एक सशक्त प्रमाण है, जो राष्ट्र की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण भी है। उन्होंने सुधा मूर्ति को बधाई देते हुए कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान असीम और प्रेरणादायक रहा है।’’
सुधा मूर्ति ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि वह राष्ट्र सेवा का अवसर देने के लिए आभारी हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामांकित किया जाना मेरे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है।’’ थाईलैंड से बात करते हुए सुधा मूर्ति ने कहा कि वह राज्यसभा के लिए नामांकित होने पर खुश और अचंभित हैं। सुधा मूर्ति ने कहा, ‘‘इसकी घोषणा महिला दिवस के दिन की गई है, यह दोगुना अचंभित करने वाला फैसला है। मैं प्रधानमंत्री की आभारी हूं।’’ उच्च सदन में अपनी भूमिका के बारे में पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे देखना होगा कि क्या स्थिति है...मैं क्या कर सकती हूं। यह मेरे लिए नया क्षेत्र है। इसलिए, मुझे पहले बैठ कर अध्ययन करना होगा, तभी मैं समझ पाऊंगी कि क्या कर सकती हूं।’’
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, अनुराग ठाकुर और हरदीप पुरी ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामांकित होने पर बधाई दी। कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य सीतारमण ने कहा, ‘‘सुधा मूर्ति आपको बधाई। आप विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों के लिए जानी जाती हैं। समान रूप से, यदि अधिक नहीं तो, हमारे सभ्यतागत मूल्यों में निहित आपकी आंतरिक शक्ति आपको अलग बनाती है। सदन में मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।’’
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ठाकुर ने कहा कि सुधा मूर्ति का जीवन और उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणा हैं और एक महिला की क्षमता का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आपदा राहत में उनका योगदान बहुत बड़ा रहा है। मुझे यकीन है कि राज्यसभा में उनकी उपस्थिति सदस्यों की समझ को समृद्ध करेगी और हमारे नीति-निर्माण को निर्देशित करने में नारी शक्ति की शक्ति को प्रदर्शित करेगी।’’ मूर्ति ने कन्नड, मराठी और अंग्रेजी में कई किताबें लिखी हैं और बच्चों के साहित्य में विशेषज्ञता रखती हैं। उनका उपन्यास, डॉलर बहू, मूल रूप से कन्नड में लिखा गया था और अंग्रेजी में अनुवाद किया गया। इस उपन्यास के आधार पर 2001 में जी टीवी द्वारा एक टेलीविजन श्रृंखला बनाई गई थी।
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