BJP के कुछ चतुर नेताओं की सारी चतुराई निकाल कर ठगों ने ऐसा चूना लगाया कि नेताजी लंबे अर्से तक याद रखेंगे
जहां तक दिल्ली से जुड़े घटनाक्रम की बात है तो आपको बता दें कि खुद को भाजपा का उच्च पदस्थ कार्यकर्ता बताकर नेताओं, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों से करीब एक करोड़ रुपये ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
राजनीतिज्ञों के बारे में माना जाता है कि चतुर व्यक्ति ही राजनीति में आ सकते हैं क्योंकि राजनीति चतुराई भला खेल है लेकिन यदि इन चतुर लोगों को ही कोई चूना लगा दे तो सचमुच हैरत होती है। दिल्ली और महाराष्ट्र से जो खबर आई हैं वह दर्शा रही हैं कि कैसे अनजान लोगों ने भाजपा के केंद्रीय नेताओं से अपनी करीबी का दावा करके कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं को ठग लिया। जो लोग ठगे गये हैं उनके नाम तो सामने नहीं आये हैं लेकिन बताया जा रहा है कि इनमें पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री, भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय पदाधिकारी तक शामिल हैं। ठगों ने किसी को मंत्री बनवाने या किसी को पार्टी में बड़ा पद दिलाने का लालच दिया तो कई वरिष्ठ नेताओं को यह लालच दिया कि पार्टी में उनको अब साइडलाइन नहीं किया जायेगा और मुख्यधारा में लाया जायेगा।
जहां तक दिल्ली से जुड़े घटनाक्रम की बात है तो आपको बता दें कि खुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का उच्च पदस्थ कार्यकर्ता बताकर नेताओं, ठेकेदारों और सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों से करीब एक करोड़ रुपये ठगने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा के एक पदाधिकारी ने इस सिलसिले में नौ मई को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शिकायत के अनुसार कुछ लोगों ने खुद को दिल्ली में भाजपा मुख्यालय से संबंधित पार्टी कार्यकर्ता बताकर विभिन्न राज्यों में पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों को ठगने का काम किया था। मध्य दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) संजय कुमार सैन ने कहा कि इस सिलसिले में एक मामला दर्ज किया गया है और जांच के दौरान आरोपियों के फोन नंबरों में से एक प्रवीण कुमार का पता लगाया गया, लेकिन उसका कोई विशिष्ट पता नहीं मिला।
इसे भी पढ़ें: CM Yogi के नेतृत्व में चुनाव में भाजपा ने रचा इतिहास, पहली बार 13 निगमों में बनेगा पार्टी का बोर्ड
डीसीपी सेन ने बताया कि फर्जी ठेकेदार बनकर एक पुलिस अधिकारी ने उस नंबर पर कॉल किया और प्रवीण कुमार से मिलने का समय तय किया, जिसके बाद उसे 11 मई को मयूर विहार से गिरफ्तार कर लिया गया। डीसीपी ने कहा कि मयूर विहार फेज-3 के रहने वाले प्रवीण (19) ने खुलासा किया कि उसने पूर्वोत्तर राज्यों के विभिन्न राजनेताओं को निशाना बनाया और पार्टी के लिए फंड मांगा तथा भाजपा केंद्रीय कार्यालय में उच्च पदों के लिए उनके नामों की सिफारिश करने का वादा किया। डीसीपी ने कहा कि इसके एवज में उसने होटल बुकिंग, फ्लाइट टिकट और अन्य खर्चों के लिए पैसे जैसी सेवाएं मांगी और अंतत: उनसे लाखों रुपये की ठगी की। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत एक अन्य फोन नंबर उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी पीयूष कुमार श्रीवास्तव (34) का है, जिसे 13 मई को पकड़ा गया था।
डीसीपी ने कहा कि पीयूष खुद को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) बताता था और उसने 'भारतीय समावेशी विकास फाउंडेशन' नाम से एक गैर सरकारी संगठन पंजीकृत कराया था। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड और एक लैपटॉप जब्त किया गया है।
ऐसी ही एक खबर महाराष्ट्र से भी सामने आई है। जहां नागपुर पुलिस ने महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद के लिए राज्य के कम से कम चार विधायकों से पैसे मांगने के आरोप में अहमदाबाद से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद जिले के मोरबी निवासी नीरज सिंह राठौड़ ने कथित तौर पर खुद के भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा का निजी सहायक होने का दावा किया। अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के चार विधायकों को फोन करने के अलावा उसने नगालैंड के एक विधायक और गोवा के एक विधायक को भी कथित तौर पर फोन किया था।
मध्य नागपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक विकास कुंभारे ने राठौड़ द्वारा कथित रूप से संपर्क किए जाने के बाद शिकायत दर्ज करायी। अधिकारी ने कहा कि कुंभारे ने राठौड़ को कोई पैसा नहीं दिया, लेकिन कुछ अन्य विधायकों ने परोक्ष तौर पर दिया। अधिकारी ने कहा कि तहसील थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया और शहर पुलिस की एक टीम ने आरोपी को मोरबी से गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने कहा कि आगे की जांच जारी है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना में जून 2022 के विभाजन से संबंधित मुद्दों पर शिंदे सरकार को राहत देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ऐसी चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही हो सकता है।
अन्य न्यूज़