लखीमपुर खिरी में दलित बहनों की मौत के मामले में छह गिरफ्तार, मुठभेडृ में एक आरोपी घायल
उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में पेड़ पर दो दलित बहनों के लटकते शव मिलने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में पेड़ पर दो दलित बहनों के लटकते शव मिलने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया और फिर उनका गला घोंट दिया गया। बुधवार को जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर निघासन थाना क्षेत्र में दोनों बहनों के शव उनके घर से करीब एक किलोमीटर दूर गन्ने के खेत में पेड़ से लटकते मिले थे।
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लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) संजीव सुमन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमने इस घटना के बाद रातभर चले तलाशी अभियान के दौरान जुनैद, सोहेल, हाफिजुर रहमान, करीमुद्दीन, आरिफ और छोटू को गिरफ्तार किया है।” उन्होंने दावा किया कि जुनैद और सोहेल के दोनों लड़कियों के साथ प्रेम संबंध थे। उधर लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ से वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा गया है और मृत लड़कियों की मां की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। कुमार ने कहा, शवों को परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है, जो उनका अंतिम संस्कार करेंगे।
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उन्होंने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में आरोपी जुनैद घायल हो गया है। उन्होंने कहा, “प्रारंभिक जांच के अनुसार, जुनैद और सोहेल के कहने पर दोनों बहनें बुधवार दोपहर अपने घर से निकली थीं। जुनैद और सोहेल ने कबूल किया है कि उन्होंने दोनों लड़कियों के साथ दु्ष्कर्म करने के बाद उनका गला घोंट दिया।” सुमन के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धाराओं 302 (हत्या), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 376 (बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि जुनैद को बृहस्पतिवार सुबह करीब आठ बजकर 34 मिनट पर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया और उसके पास से घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल के अलावा एक देसी पिस्तौल और कारतूस भी बरामद हुआ है। एसपी ने शवों के जबरन पोस्टमार्टम के आरोपसे इनकार करते कहा कि लड़कियों के परिजनों की सहमति से उनकी मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया है और प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि दोनों बहनों के साथ बलात्कार करने के बाद उनका गला घोंट दिया गया। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद दोनों बच्चियों के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया। सुमन के अनुसार, अब तक की जांच से पता चला है कि जुनैद और सोहेल बच्चियों के बलात्कार और हत्या में शामिल थे। उन्होंने बताया कि विस्तृत जांच के तहत अन्य आरोपियों के कपड़े जांच के लिए भेजे गए हैं। मृतक बच्चियों की मां ने बुधवार देर रात निघासन कोतवाली में अपनी बेटियों की दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। बच्चियों की मां ने यह भी आरोप लगाया था कि उसके गांव के छोटू के साथ बाइक पर सवार होकर आए तीन अज्ञात युवक उसकी झोपड़ी में घुस गए और उसकी बेटियों का जबरन अपने साथ ले गये।
बच्चियों की मां ने अपनी शिकायत में कहा, “जब उसने अपहरण के प्रयास का विरोध किया तो तीनों अज्ञात युवकों में से एक ने उसे जोर से लात मारी। इसके बाद वे बच्चियों को मोटरसाइकिल पर बैठाकर गांव के बाहर खेतों की ओर ले गए।” शिकायत में आरोप लगाया गया है कि जब परिजनों ने बच्चियों की तलाश की तो उनके शव गांव से कुछ दूर एक खेत में ‘खैर’ के पेड़ से लटके हुए मिले। लखनऊ क्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह बुधवार रात निघासन पहुंचीं और अपराध स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, “पीड़ित परिवार की शिकायत पर भादंसं की संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा मौत के सही कारणों का पता लगाने के लिए शव परीक्षण किया जाएगा।” इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया। सुमन और अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और नाराज ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस बीच, विपक्षी दलों ने घटना को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीती रात उत्तर प्रदेश सरकार पर राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर हमला बोला था और दोनों मौतों की तुलना हाथरस सामूहिक बलात्कार कांड से की थी। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने ब़हस्पतिवार को ट्वीट किया, “लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण और उनके साथ दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद एवं शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है।
उत्तर प्रदेश में अपराधी बेखौफ हैं, क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं!” मायावती ने कहा, “यह घटना कानून-व्यवस्था एवं महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की पोल खोलती है। हाथरस कांड सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं। उत्तर प्रदेश सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे।”
उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने कहा कि सरकार पीड़ितों के परिवार के साथ है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट,‘‘लखीमपुर खीरी में बेटियों के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने वाले अपराधियों को जल्द गिरफ़्तार कर उनके विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस कार्रवाई की जा रही है। सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। मुद्दा विहीन विपक्ष ऐसे मामलों में राजनीति न करे।’’
पाठक ने कहा , ‘‘ जनपद लखीमपुर खीरी में दो नाबालिग लड़कियों की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुःखद है। पीड़ित परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।उक्त प्रकरण में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सभी के विरुद्ध पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार पीड़ित परिजनों के साथ खड़ी है।’’ बुधवार की घटना 2014 के बदायूं सामूहिक बलात्कार प्रकरण जैसी लगती हैं। बदायूं में, 14 और 15 वर्ष की आयु के दो दलित चचेरी बहनों के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार कर उनकी हत्या कर दी गई थी और उनके शव कटरा गांव में एक आम के पेड़ से लटके पाए गए थे।
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