एक दशक में और मजबूत हुए भारत-सऊदी अरब के रिश्ते, रणनीतिक साझेदारी पर हुए समझौते
पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी माने जाने वाला सऊदी अरब क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने के भारत के अभियान में उसका पक्ष ले रहा है और इस चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है।
रियाद। भारत और सऊदी अरब ने अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए तेल एवं गैस, रक्षा एवं नागर विमानन समेत विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौतों पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साम्राज्य के शीर्ष नेतृत्व से गहन चर्चा की जिसके दौरान महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद स्थापित की गई। बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन (एफआईआई) में शामिल होने खाड़ी साम्राज्य के दो दिन के दौरे पर पहुंचे मोदी ने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर करीब से काम करने को लेकर विचार साझा किए। दोनों नेताओं ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाने पर सहमति जताई।
I would like to particularly thank His Majesty @KingSalman and His Royal Highness the Crown Prince for their hospitality. Interacting with them is always very special. pic.twitter.com/2DrqwNGhuS
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2019
पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी माने जाने वाला सऊदी अरब क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने के भारत के अभियान में उसका पक्ष ले रहा है और इस चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है। बाद में शाम में, प्रधानमंत्री मोदी ने ताकतवार युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान के साथ कई विषयों पर चर्चा की। प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मुद्दों संबंधी निर्णयों पर समन्वय के लिए भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद गठित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने इस समझौते को अपने हस्ताक्षरों के साथ अमलीजामा पहना दिया। ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव’ फोरम में शामिल होने दो दिन के दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे मोदी ने सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और युवराज मोहम्मद बिन सलमान से व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। रणनीति साझेदारी परिषद का नेतृत्व मोदी और युवराज मोहम्मद करेंगे और हर दो साल में इसकी बैठक होगी।
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समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध और मजबूत होंगे। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में आर्थिक संबंध सचिव टी एस त्रिमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की निंदा की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कृषि, तेल एवं गैस, समुद्री सुरक्षा नवीन प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। दोनों देशों की ई-प्रवासन प्रणाली के बीच समन्वयन पर भी एक समझौता हुआ। साम्राज्य में रूपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए।
सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय काम करते हैं। भारत से करीब दो लाख हाजी और तीन लाख उमराह तीर्थयात्री हर साल सऊदी अरब का दौरा करते हैं और रूपे कार्ड की स्वीकार्यता उन्हें सस्ते लेन-देन में मदद करेगी। दोनों देशों ने रक्षा उद्योग साझेदारी तथा सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने की भी प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों के बीच पहला नौसैन्य अभ्यास इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में होगा। दोनों देशों ने महाराष्ट्र के रायगढ़ में महत्वाकांक्षी पश्चिमी तट रिफाइनरी परियोजना पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। इसमें सऊदी तेल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अरामको, यूएई की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां निवेश करेंगी।
इंडियन ऑयल मिडिल ईस्ट और सऊदी कंपनी अल जेरी के बीच संयुक्त उपक्रम के लिए भी एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा संबंध बढ़ेंगे। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और वह अपनी तेल जरूरतों का 83 प्रतिशत हिस्सा आयात करता है। इराक के बाद सऊदी अरब इसका दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। उसने वित्त वर्ष 2018-19 में भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा जबकि भारत ने 20.73 करोड़ टन तेल का आयात किया था।
भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और अमेरिका तथा चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता है। भारत हर महीने सऊदी अरब से करीब 2,00,000 टन एलपीजी खरीदता है। सऊदी की तेल कंपनी अरामको के तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों की निंदा करते हुए भारत ने आतंकवाद के विरोध के अपने संकल्प को दोहराया। वहीं, सऊदी अरब ने भारत को आश्वस्त किया कि वह देश की ऊर्जा सुरक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
त्रिमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने वाले हमले के बावजूद भारत को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए शाह सलमान का शुक्रिया किया। शाह सलमान ने भी मई के चुनावों में मिली जीत के लिए मोदी को बधाई दी। दोनों देशों ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर भी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। साथ ही दोनों देशों के बीच उड़ानों की संख्या बढ़ाने, चिकित्सा उत्पादों के नियमन और नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री मोदी का सऊदी अरब का यह दूसरा दौरा था। पहले दौरे के दौरान शाह सलमान ने उन्हें सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा था।
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