सिद्धू ने तोड़ी चुप्पी, कहा- आलाकमान को नहीं कर रहा गुमराह, पंजाब हित में हर कुर्बानी देने को तैयार
सिस्टम में गड़बड़ी मुझे आज भी बर्दाश्त नहीं है। गड़बड़ी फैलाने वालों को पहरेदार नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि मेरा वादा है सच के लिए लड़ा हूं और लड़ता रहूंगा। दागी अफसर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने आज पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। मीडिया के सामने आकर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि पंजाब हित के लिए वह हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह आलाकमान को गुमराह नहीं कर सकते हैं। सिस्टम में गड़बड़ी मुझे आज भी बर्दाश्त नहीं है। गड़बड़ी फैलाने वालों को पहरेदार नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि मेरा वादा है सच के लिए लड़ा हूं और लड़ता रहूंगा। दागी अफसर किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करूंगा।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हक और सच की लड़ाई आखरी दम पर तक लडूंगा। नैतिकता से कोई समझौता नहीं करूंगा। मैं निजी स्वार्थ के लिए लड़ाई नहीं लड़ रहा हूं। पंजाब के हर मसले का हल चाहता हूं। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब से जुड़े मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा... दागी नेताओं, अधिकारियों की व्यवस्था थी, अब आप उसी प्रणाली को दोबारा नहीं दोहरा सकते... मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा। मैं जो देख रहा हूं वह पंजाब में मुद्दों, एजेंडा के साथ समझौता है। मैं आलाकमान का भेष नहीं बदल सकता और न ही उन्हें भेष बदलने दे सकता हूं।No personal rivalry with anyone; 17 years of my political career has been for a purpose, to make difference, to take a stand and to make people's lives better. This is my only religion...: Navjot Singh Sidhu who resigned as Punjab Congress chief, yesterday. pic.twitter.com/iayvezzHyX
— ANI (@ANI) September 29, 2021
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आपको बता दें कि पंजाब कांग्रेस का विवाद अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इन सब के बीच अचानक नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। सिद्धू के इस्तीफे की मुख्य वजह अब तक सामने तो नहीं आ पाई है। लेकिन बताया जा रहा है कि वह अपने करीबी अधिकारियों और नेताओं को अहम मंत्रालय में जिम्मेदारी दिलाना चाहते थे। दूसरी ओर खबर यह थी कि आलाकमान ने सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। साथ ही साथ कहा जा रहा था कि सिद्धू को मनाने की कोशिश की जाएगी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक यह कहा जा रहा है कि अब आलाकमान सिद्धू के आगे और झुकने को तैयार नहीं है।
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