केंद्रीय बजट पेश होने के बाद क्यों गुस्से में हैं सिद्धारमैया? नीति आयोग की बैठक का करेंगे बहिष्कार
कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है तब से केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि कल के बजट में उन्होंने कर्नाटक को कुछ नहीं दिया है।
27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक होने वाली है। हालांकि, कई राज्य इसका बहिष्कार कर रहे हैं। इसी कड़ी में कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी इस बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। उनका दावा है कि केंद्रीय बजट में राज्य की मांगों की 'उपेक्षा' करने के विरोध में कर्नाटक इस बैठक का बहिष्कार करेगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की आवश्यक जरूरतों पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में सर्वदलीय सांसदों की बैठक बुलाने के मेरे गंभीर प्रयासों के बावजूद, केंद्रीय बजट ने हमारे राज्य की मांगों की उपेक्षा की है।
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कर्नाटक के मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि जब से केंद्र में भाजपा सरकार आई है तब से केंद्र सरकार कर्नाटक के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि कल के बजट में उन्होंने कर्नाटक को कुछ नहीं दिया है। उन्होंने कर्नाटक के लिए जो भी परियोजनाओं की घोषणा की और उसके लिए भी उन्होंने धन आवंटित नहीं किया। यह कर्नाटक के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने कहा कि उनका निर्णय गहन सोच-विचार के बाद लिया गया है और उन्हें वित्त के बारे में व्यापक जानकारी है। उन्होंने खुद राज्य को इतने बजट दिए हैं। नीति आयोग की इस बैठक से कुछ नहीं आया।'
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य की पूरी तरह से अनदेखी की गई और वह 27 जुलाई को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे। स्टालिन ने बजट को बेहद निराशाजनक करार देते हुए कहा कि चूंकि केंद्र सरकार ने तमिलनाडु को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है, इसलिए नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना उपयुक्त होगा।
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नीति आयोग की बैठक
प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं और उनकी अध्यक्षता में हर साल इसकी गवर्निंग काउंसिल की बैठक होती है। केंद्रीय सचिवालय की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार ही काउंसिल की स्थपना की गई है। इसमें सभी राज्यों के सीएम, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासक सदस्य हैं। अब तक गवर्निंग काउंसिल की आठ बैठकें हो चुकी हैं। इस बैठक में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म, विभिन्न सेक्टरों, विभागों से जुड़े विषयों और संघीय मुद्दों पर चर्चा होती है।
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