बिहार चुनाव: श्याम रजक को बड़ा झटका, फुलवारी शरीफ की सीट भाकपा-माले के खाते में गई
सूत्रों का कहना है कि रजक इस बात से परेशान थे कि इस सीट पर पार्टी दूसरे नेताओं को तवज्जो दे रही थी। जदयू से निष्कासित किये जाने के कुछ ही दिनों बाद श्याम रजक राजद में शामिल हो गए थे ताकि उन्हें फुलवारी शरीफ सीट से टिकट मिल सके लेकिन महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत यह सीट भाकपा-माले के खाते में चली गई।
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भाकपा-माले ने फुलवारी शरीफ सहित 19 विधानसभा सीटों के लिये अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी। भाकपा-माले को राजद नीत विपक्षी महागठबंधन में 19 सीटें दी गई है। पार्टी ने गोपाल रविदास को फुलवारी शरीफ से टिकट दिया है। माकपा को छह और भाकपा को चार सीटों मिली हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने 3 अक्तूबर को गठबंधन के घटक दलों को मिली सीटों की घोषणा की थी। गौरतलब है कि श्याम रजक को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था और 16 अगस्त 2020 को जदयू से छह वर्ष के लिये निष्कासित कर दिया गया था। समझा जाता है कि रजक को आशंका थी कि जदयू उन्हें फुलवारी शरीफ सीट से टिकट नहीं देगी जिस क्षेत्र में उन्होंनेवर्षो से मेहनतकी थी।
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सूत्रों का कहना है कि रजक इस बात से परेशान थे कि इस सीट पर पार्टी दूसरे नेताओं को तवज्जो दे रही थी। जदयू से निष्कासित किये जाने के कुछ ही दिनों बाद श्याम रजक राजद में शामिल हो गए थे ताकि उन्हें फुलवारी शरीफ सीट से टिकट मिल सके लेकिन महागठबंधन में सीटों के तालमेल के तहत यह सीट भाकपा-माले के खाते में चली गई। इस बारे में पूछे जाने पर रजक ने कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य नहीं है कि उन्हें टिकट नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पिछले 40 वर्षो से सक्रिय राजनीति में हूं। ऐसी बातों से मुझे आश्चर्य नहीं होता और जीवन में मैंने कई उतार चढाव देखे हैं। ’’ आगे की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह घर पर आराम करेंगे क्योंकि दिल्ली में उपचार कराने के बाद एक अक्तूबर को ही पटना लौटे हैं।
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