शिवपाल यादव ने बताया, किसके कहने से अखिलेश यादव के साथ आए, भविष्य को लेकर कही यह बात
समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया कि शिवपाल यादव से पूछ कर ही डिंपल को चुनावी मैदान में उतारा गया है। अब शिवपाल यादव ने बताया है कि आखिर शिवपाल यादव अखिलेश के साथ आने के लिए कैसे तैयार हुए?
मैनपुरी उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी की एकता साफ तौर पर दिखाई दे रही है। पूरा सैफई परिवार एकजुट नजर आ रहा है। इन सबके बीच शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच का विवाद भी कम होता दिखाई दे रहा है। दोनों मिलकर मैनपुरी उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार डिंपल यादव को जीत दिलाने के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं। हालांकि, डिंपल यादव को जब उम्मीदवार बनाया गया था तो उस समय शिवपाल यादव ने पूरी तरीके से चुप्पी साध ली थी। हालांकि, समाजवादी पार्टी की ओर से कहा गया कि शिवपाल यादव से पूछ कर ही डिंपल को चुनावी मैदान में उतारा गया है। अब शिवपाल यादव ने बताया है कि आखिर शिवपाल यादव अखिलेश के साथ आने के लिए कैसे तैयार हुए?
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शिवपाल यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर में कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए बताया कि बहू ने ही उन्हें फोन किया था। बहू से मतलब डिंपल यादव ने। उन्होंने कहा कि बहू ने हमसे कहा कि चाचा हम चुनाव लड़ेंगे, आप साथ आ जाओ। डिंपल ने कहा था कि एक साथ रहना है। शिवपाल ने कहा कि बहू लड़ रही थी इसलिए हम लोग एक हो गए। बहू का कहना मैंने भी मान लिया। शिवपाल ने यह भी दावा किया कि मैंने अखिलेश से भी कह दिया है कि हम लोग अब हमेशा साथ रहेंगे। इतना ही नहीं, शिवपाल ने यह भी कहा कि अब अगर अखिलेश से गड़बड़ करेंगे तो बहू है। वह हमारी गवाह है। हमारे बीच कोई दिक्कत हुई तो बहू ही गवाह रहेगी। इसके अलावा शिवपाल ने अपने भविष्य की रणनीति की भी घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि मैं तो अब 1-2 चुनाव ही लडूंगा। आगे तो अब लड़कों को ही चुनाव लड़ना है।
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मुख्यमंत्री होते अखिलेश
इसके अलावा शिवपाल यादव ने कहा कि अगर 2022 के चुनाव में मुझे जिम्मेदारी मिली होती तो अखिलेश से इस वक्त मुख्यमंत्री होते। अपने बयान में शिवपाल ने कहा की जिम्मेदारी मिलती तो हर विधानसभा क्षेत्र में 10 से 15 हजार वोट बढ़ जाते। इतना ही नहीं, शिवपाल यादव ने साफ तौर पर कहा कि तब चुनाव में समाजवादी पार्टी को 250 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली होती और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होते हैं। इसके अलावा शिवपाल ने भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि रघुराज शाक्य अपने ही समाज के नहीं हुए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि रघुराज ने हमसे कभी नहीं पूछा और चुनाव लड़ने के लिए वह छुपकर चला गया।
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