शिवसेना ने महाराष्ट्र में जनादेश के साथ ‘विश्वासघात’ किया है: फडणवीस
दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव गठबंधन करके लड़ा था। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें से 70 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
पालघर। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को शिवसेना पर राकांपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के लिए निशाना साधा और इसे जनादेश के साथ ‘विश्वासघात’ बताया। यहां एक रैली को संबोधित करते हुए फडणवीस ने लोगों से उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को आगामी पालघर जिला परिषद चुनाव में करारा जवाब देने को कहा। भाजपा नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिवसेना ने हिन्दुत्व के विचारक वीडी सावरकर को ‘अपशब्द’ कहने वालों के साथ समझौता किया है। उन्होंने पूछा कि ‘अंदरूनी कलह’ के बीच ठाकरे नीत सरकार कितने दिन चलेगी? फडणवीस ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने न सिर्फ जनादेश के साथ ‘विश्वासघात’ किया बल्कि चुनाव पूर्व सहयोगी भाजपा के साथ भी विश्वासघात कियाहै।
I want to thank you all for giving us the absolute majority in Assembly elections.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 1, 2020
Its not your fault,you all were clear in giving us mandate.But our friends joined hands with other parties by backstabbing the mandate.
And such Govt can’t run which has the foundation of betrayal! pic.twitter.com/faABppW8XH
दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव गठबंधन करके लड़ा था। उन्होंने कहा कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें से 70 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की और सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। वहींशिवसेना ने जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें से उसने सिर्फ 45 प्रतिशत ही सीटें जीतीं। विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘नागरिकों ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को स्पष्ट जनादेश दिया था, लेकिन राकांपा और कांग्रेस से हाथ मिलाने वाली शिवसेना के विश्वासघात के कारण भाजपा सत्ता से बाहर हो गई।’’ भाजपा के साथ ‘विश्वासघात’ को लेकर मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा कि पहले दिन से (शिवसेना ने राकांपा और कांग्रेस के साथ सरकार का गठन किया) ये तीनों पार्टियां अपने मंत्रियों का नाम तय नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, ‘‘यही नहीं, मंत्रियों का चयन के बाद, शिवसेना नेताओं और कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। वहीं कांग्रेस के तो कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय में उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की।’’
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे के कुछ समर्थकों ने मंगलवार को पुणे में पार्टी के दफ्तर पर हमला कर दिया था। वे महाराष्ट्र मंत्रिमंडल मेंथोपटे को शामिल नहीं करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। ठाकरे द्वारा किसान ऋण योजना की घोषणा पर फडणवीस ने कहा, ‘‘यह आंख में धूल झोकनें के अलावा कुछ नहीं है। इसमें कई शर्तें लगा दी गई हैं, नतीजतन राज्य के करीब 60 लाख किसानों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।’’ फडणवीस ने कहा कि जब शिवसेना से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने सहायता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद मांगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब आपने राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलाया था तब आपने मोदी से पूछा था? कोई शक नहीं, मोदीजी आपकी मदद करेंगे, लेकिन याद रखिए किसान और नागरिक आपके (शिवसेना के) राजनीतिक वजूद को खत्म कर देंगे और आपको दरवाजा दिखा देंगे।’’ फडणवीस ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार (ठाकरे के मुंबई के आवास) ‘मातोश्री’ से नियंत्रित नहीं होगी बल्कि ‘दिल्ली के मातोश्री’ से नियंत्रित होगी।
अन्य न्यूज़