शिवसेना ने ‘शांतिकाल’ में सैनिकों की मौत पर सरकार की आलोचना की
शिवसेना ने गुजरात में विकास के सरकारी दावों और सीमा पर गोलीबारी में सैनिकों की मौत रोकने में कथित विफलता को लेकर नरेंद्र मोदी नीत सरकार पर हमला किया।
मुंबई। शिवसेना ने गुजरात में विकास के सरकारी दावों और सीमा पर गोलीबारी में सैनिकों की मौत रोकने में कथित विफलता को लेकर नरेंद्र मोदी नीत सरकार पर हमला किया। जम्मू कश्मीर में सामान्य स्थिति लौटने की बातों को ‘झूठा’ करार देते हुए, भाजपा की सहयोगी ने कहा कि ‘शांतिकाल’ में सैनिकों की मौत सरकार की खराब छवि दर्शाती है। शनिवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू कश्मीर में राजौरी जिले के केरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के गश्ती दल पर गोलीबारी की थी जिसमें एक मेजर और तीन सैनिकों की मौत हो गई थी।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में संपादकीय में कहा, ‘‘ शांतिकाल में किसी सैनिक की मौत से सरकार की खराब छवि बनती है। शांतिकाल में हमारे जवानों की शहादत बीते 30 सालों से हो रही है और जब मौजूदा सरकार सत्ता में आई थी तो हमें इसके थमने की उम्मीद थी।’’ संपादकीय में कहा गया है कि जब पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा था और भारतीय सैनिकों की हत्या कर रहा था तब प्रधानमंत्री और समूचा मंत्रिमंडल गुजरात में चुनाव प्रचार में मशगूल था।
शिवसेना ने कहा, ‘‘ गुजरात चुनाव जीतने के लिए आपने सूरत में व्यापारी समुदाय को जीएसटी में कई रियातें दीं। सैनिकों की जानों को बचाने के लिए आपने क्या किया?’’ इसमें कहा गया है, ‘‘ कश्मीर में सामान्य स्थिति के लौटने की बातें झूठ हैं। गुजरात में विकास खो गया है जबकि कश्मीर में शांति और सामान्य हालात लापता हैं।’’ शिवसेना ने कहा कि लोग सरकार की इस दलील को मान सकते हैं कि कश्मीर के युवाओं ने पत्थरबाजी छोड़ दी है। लेकिन देश के खिलाफ हथियार उठाने की रिपोर्टें चिंताजनक हैं।
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