शिवसेना का भाजपा पर प्रहार, कहा- राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने की मंशा साफ दिखाई दे रही

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[email protected] । Nov 16 2019 12:47PM

पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति और क्रिकेट संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा कि गडकरी का संबंध क्रिकेट से नहीं है। उनका संबंध सीमेंट, इथेनॉल, एस्फाल्ट और अन्य चीजों से है।

मुंबई। शिवसेना ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुरुआत में सरकार गठन से पीछे हटने के बाद भाजपा अब महाराष्ट्र में सरकार गठित करने का भरोसा जता रही है और राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने (विधायकों की खरीद-फरोख्त करने) की उसकी मंशा साफ दिखाई दे रही है।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन छह महीने से अधिक नहीं चलेगा। पार्टी ने कहा कि नए राजनीतिक समीकरण ‘‘कई लोगों को पेट दर्द दे’’ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को कहा था, ‘‘भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी।’’ शिवसेना ने ‘सामना’ में कहा, ‘‘जिनके पास 105 सीटें हैं, उन्होंने पहले राज्यपाल से कहा था कि उनके पास बहुमत नहीं है। अब वे सरकार गठन का दावा कैसे कर रहे हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘...घोड़ाबाजार लगाने का उनका मंसूबा अब साफ हो गया है। पारदर्शी सरकार का वादा करने वालों के झूठ अब सामने आ रहे हैं।’’

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पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के राजनीति और क्रिकेट संबंधी बयान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘गडकरी का संबंध क्रिकेट से नहीं है। उनका संबंध सीमेंट, इथेनॉल, एस्फाल्ट और अन्य चीजों से है। शिवसेना ने कहा कि क्रिकेट अब खेल कम और कारोबार ज्यादा हो गया है। क्रिकेट में भी ‘‘घोड़ाबाजार और फिक्सिंग’’ होती है। उल्लेखनीय है कि गडकरी नेकहा था, ‘‘क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं लेकिन परिणाम एकदम विपरीत होता है।’’ भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

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