शरद पवार ने महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी अशांति की आशंका पर चिंता जताई
दुर्भाग्यवश सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है। मणिपुर में पिछले साल मई से ही बहुसंख्यक मेइती समुदाय और कुकी आदिवासियों के बीच बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मणिपुर जैसी अशांति की आशंका पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के विकास के लिए सामाजिक एकता जरूरी है।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वह ऐसा क्यों सोचते हैं। रविवार शाम को सामाजिक एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने मणिपुर में जातीय संघर्ष से निपटने के केंद्र सरकार के तरीके की भी आलोचना की।
मणिपुर में पिछले साल मई में शुरू हुए जातीय संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। पवार ने कहा, ‘‘हमारे देश के विकास और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सामाजिक एकता आवश्यक है। तनाव और विभाजन की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है। देश में बढ़ते मतभेद के लिए जाति, धर्म और से परे एकता की आवश्यकता है। सामाजिक एकता को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सरकार की है।’’
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश सरकार इन मुद्दों के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाने में विफल रही है। मणिपुर में पिछले साल मई से ही बहुसंख्यक मेइती समुदाय और कुकी आदिवासियों के बीच बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।
पवार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने अभी तक हिंसा से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य का दौरा नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि प्रभावित लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री की ओर से स्पष्ट रूप से प्रयासों की कमी दिखाई दे रही है।
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