'जैसे CAA को लेकर गुमराह किया, वैसे ही...', Waqf Bill को लेकर शाहनवाज हुसैन ने विपक्ष पर लगाया बड़ा आरोप

Shahnawaz Hussain
ANI
अंकित सिंह । Apr 1 2025 4:28PM

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद, दरगाह और अन्य धार्मिक स्थल सरकार द्वारा छीन लिए जाएंगे। मैं यह बात पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं ताकि किसी के बहकावे में न आऊं।

वक्फ संशोधन विधेयक पर जारी विवाद के बीच भाजपा के मुस्लिम नेताओं ने इसका बचाव किया है। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। कांग्रेस और अन्य दल मुसलमानों को गुमराह करने और भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे सीएए को लेकर मुसलमानों को गुमराह किया गया और शाहीन बाग में प्रदर्शन हुए, वैसे ही वही लोग वक्फ अधिनियम को लेकर भी मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।

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मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि मस्जिद, दरगाह और अन्य धार्मिक स्थल सरकार द्वारा छीन लिए जाएंगे। मैं यह बात पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं ताकि किसी के बहकावे में न आऊं। इस विधेयक का उद्देश्य केवल वक्फ संपत्ति पर माफियाओं के एकाधिकार को खत्म करना है। यूपी के मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने कहा कि एक आम मुस्लिम व्यक्ति का मानना ​​है कि वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह चौंकाने वाली बात है कि कैसे कुछ लोग और राजनीतिक दल अपने निजी लाभ के लिए मुसलमानों के कल्याण को नजरअंदाज कर रहे हैं। 

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लोकसभा में कल आएगा वक्फ बिल

लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक विचार और पारित कराने के लिए लाया जाएगा और इस दौरान हंगामा होने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि विधेयक पर सदन में आठ घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू जवाब देंगे और इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।

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