यासीन मलिक के समर्थन में उतरे शाहिद अफरीदी, भारत के खिलाफ उगला जहर, अमित मिश्रा ने दिया जोरदार जवाब

Yasin Malik
ANI
अंकित सिंह । May 25 2022 4:43PM

शाहिद अफरीदी ने यासिन मालिक के समर्थन में एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में शाहिद अफरीदी ने लिखा कि अपने ज़बरदस्त मानवाधिकार हनन के खिलाफ आलोचनात्मक आवाज़ों को चुप कराने के भारत के निरंतर प्रयास निरर्थक हैं। यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष पर रोक नहीं लगाएंगे।

टेरर फंडिंग के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को लेकर अदालत में सुनवाई जारी है। इन सबके बीच यासीन मलिक के खिलाफ कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान भड़क रहा है। पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी खुलकर यासीन मलिक के समर्थन में आए हैं। यासीन मलिक का समर्थन करते करते शाहिद अफरीदी ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। दरअसल, शाहिद अफरीदी ने यासिन मालिक के समर्थन में एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में शाहिद अफरीदी ने लिखा कि अपने ज़बरदस्त मानवाधिकार हनन के खिलाफ आलोचनात्मक आवाज़ों को चुप कराने के भारत के निरंतर प्रयास निरर्थक हैं। यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप कश्मीर की आजादी के संघर्ष पर रोक नहीं लगाएंगे। 

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इसके साथ ही अफरीदी ने यूएन से अपील की कि कश्मीर के लीडर्स के खिलाफ इस तरह के अवैध ट्रेल्स को नोटिस लें। अब इसी को लेकर क्रिकेटर अमित मिश्रा ने शाहिद अफरीदी को करारा जवाब दिया है। शाहिद अफरीदी को जवाब देते हुए अमित मिश्रा ने ट्वीट में लिखा कि प्रिय शाहिद अफरीदी, उसने कोर्ट रूम में खुद को दोषी माना है। तुम्हारी बर्थ डेट की तरह सब कुछ मिसलीडिंग नहीं हो सकता। अमित मिश्रा का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और उनकी वाहवाही भी हो रही है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में दोषी कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का बुधवार को अनुरोध किया।


पाकिस्तान के विदेश मंत्री जरदारी ने संरा मानवाधिकार प्रमुख को पत्र लिखा

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैश्लेट को पत्र लिखकर भारत से यह अपील करने का अनुरोध किया है कि वह कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सभी आरोपों से बरी करे और जेल से उसकी तत्काल रिहाई सुनिश्चित करे ताकि वह अपने परिवार से मिल सके। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि कश्मीर में स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने के पाकिस्तान के जारी प्रयासों के तहत विदेश मंत्री ने 24 मई को बैश्लेट को एक पत्र भेजा।

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