LK Advani Hospitalised| भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबीयत बिगड़ी, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती

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प्रतिरूप फोटो
ANI
रितिका कमठान । Dec 14 2024 10:51AM

देश के पूर्व गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत खराब हो गई है। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है।

वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देश के पूर्व गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तबीयत खराब हो गई है। तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसकी अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है। उनकी हालत फिलहाल "स्थिर" है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो 96 वर्षीय डॉ. सिंह न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ एडवाइजर डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण को दो दिन पहले अस्पताल लाया गया था। बता दें कि लाल कृष्ण आडवाणी को इस वर्ष की शुरुआत में भी इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अबतक ये सामने नहीं आया है कि लाल कृष्ण आडवाणी अस्पताल में भर्ती किस कारण से हुए है।

आडवाणी का राजनीतिक सफर

भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी का जन्म आठ नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। लाल कृष्ण आडवाणी 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य बने थे। 1947 में विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आया। वर्ष 1951 में लाल कृष्ण आडवाणी श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। 1970 में वे राज्यसभा में शामिल हुए और दो साल बाद पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। 1975 में आपातकाल के दौरान आडवाणी और उनके सहयोगी अटल बिहारी वाजपेयी की गिरफ्तारी हुई थी।

वर्ष 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। इस दौरान लाल कृष्ण आडवाणी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 1980 में उन्होंने भाजपा की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। आडवाणी को 1984 के आम चुनाव में भाजपा को मात्र दो सीटों से 1990 के दशक में राष्ट्रीय ताकत बनाने के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन में उनके नेतृत्व ने भाजपा की राजनीतिक किस्मत को काफी हद तक बढ़ाया।

वह तीन बार भाजपा अध्यक्ष रहे और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के पद पर रहे। 2009 के आम चुनावों में आडवाणी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया, लेकिन पार्टी जीत हासिल करने में असफल रही।

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