Prabhasakshi NewsRoom: Selja का लगातार अपमान Haryana Elections में 10-15 सीटों पर Congress का खेल बिगाड़ सकता है

kumari selja
ANI

सैलजा वैसे तो गांधी परिवार की करीबी रही हैं लेकिन जिस तरह उन्हें वहां से भी समर्थन नहीं मिला उससे वह काफी खिन्न बताई जा रही हैं। गांधी परिवार की ओर से आश्वासन मिलने पर ही उन्होंने प्रचार में भाग लेना शुरू किया था।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा एक बार फिर सुर्खियों में हैं क्योंकि पार्टी नेताओं की ओर से उन्हें लगातार अपमानित करने का काम चल रहा है। हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा परिवार के एकाधिकार के खिलाफ उन्होंने जब-जब आवाज उठाई तब-तब उन्हें किनारे कर दिया गया। इस बार विधानसभा चुनावों से पहले जब सैलजा ने खुलकर मुख्यमंत्री पद की अपनी आकांक्षा के बारे में बात की तो उनके खिलाफ पार्टी के भीतर ही अभियान चलाया गया। टिकटों के बंटवारे के दौरान उनकी एक नहीं सुनी गयी और 90 में से 72 टिकट अकेले हुड्डा के खाते में चले गये जिसे उन्होंने अपने समर्थकों को बांटा। बताया जा रहा है कि सैलजा की अनुशंसा पर दो या तीन लोगों को ही टिकट दिये गये हैं।

सैलजा वैसे तो गांधी परिवार की करीबी रही हैं लेकिन जिस तरह उन्हें वहां से भी समर्थन नहीं मिला उससे वह काफी खिन्न बताई जा रही हैं। गांधी परिवार की ओर से आश्वासन मिलने पर ही उन्होंने प्रचार में भाग लेना शुरू किया था। सैलजा ने प्रचार का काम राहुल गांधी की रैली में भाग लेकर शुरू किया था। उस रैली में राहुल गांधी ने सैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा का हाथ उठाकर दोनों के बीच संबंध सामान्य होने का संदेश देना चाहा था लेकिन चुनाव प्रचार के आखिरी दिन राहुल गांधी ने उन अशोक तंवर को कांग्रेस में शामिल कर लिया जोकि सैलजा के धुर विरोधी माने जाते हैं। हम आपको बता दें कि अशोक तंवर भी कुमारी सैलजा की ही तरह दलित चेहरा हैं और हाल ही में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में सैलजा के खिलाफ सिरसा से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। सैलजा को लग रहा है कि पार्टी में मौजूद दलित नेता को तवज्जो देने की बात तो दूर उन्हें अपमानित करने का अभियान चलाया जा रहा है और पार्टी नेतृत्व कुछ नहीं कर रहा है। सैलजा इस बात से भी खिन्न हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हरियाणा की रैली में यह क्यों कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में किये गये वादों को हुड्डा अवश्य पूरा करेंगे? सैलजा का मानना है कि जब कांग्रेस ने अभी तक मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित ही नहीं किया है तो हुड्डा को ही कमान सौंपने के संकेत क्यों दिये जा रहे हैं।

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इसलिए सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात की। सैलजा और कांग्रेस नेतृत्व के बीच ऐसे दिन यह बैठक हुई जब भाजपा के वरिष्ठ नेता और सिरसा के पूर्व सांसद अशोक तंवर हरियाणा चुनाव से ठीक पहले फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। हम आपको यह भी बता दें कि कुमारी सैलजा पिछले दिनों हरियाणा में पार्टी के चुनाव प्रचार कार्यक्रमों से दूर रहीं और उन्होंने अपने सिरसा लोकसभा क्षेत्र पर ही ध्यान दिया। माना जा रहा है कि सैलजा की नाराजगी 10 से 15 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है। हरियाणा में दलित मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है। भाजपा ने कांग्रेस के भीतर सैलजा के लगातार हो रहे अपमान को भी चुनाव में मुद्दा बनाया था। भाजपा ने तो सैलजा को पार्टी में आने का न्यौता भी दिया था। दलित समुदाय में भी सैलजा के अपमान की खबरों को लेकर चर्चाएं जारी हैं जो चुनाव के दिन कांग्रेस को भारी पड़ सकती है।

दूसरी ओर, अशोक तंवर की बात करें तो कांग्रेस में शामिल होने से कुछ घंटे पहले अशोक तंवर सफीदों विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे और मतदाताओं से भाजपा को लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने का आग्रह कर रहे थे। बताया जा रहा है कि अशोक तंवर दिल्ली में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के संपर्क में थे और एक दिन पहले ही उनकी पार्टी में वापसी की राह तैयार हुई। जब महेंद्रगढ़ की रैली में राहुल गांधी अपना भाषण समाप्त कर रहे थे, मंच से एक घोषणा की गई जिसमें उपस्थित लोगों से कुछ मिनट प्रतीक्षा करने को कहा गया। इसके तुरंत बाद अशोक तंवर मंच पर आए और घोषणा की गई कि ‘‘आज उनकी घर वापसी हो गई है।’’ हम आपको बता दें कि अशोक तंवर को एक समय राहुल गांधी का करीबी माना जाता था। दलित समुदाय के नेता अशोक तंवर इस वर्ष की शुरुआत में भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मतभेदों के बाद 2019 में पार्टी छोड़ दी थी। हम आपको यह भी बता दें कि अशोक तंवर अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे। आप में शामिल होने से पहले वह कुछ समय के लिए तृणमूल कांग्रेस में भी रहे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद अशोक तंवर ने मई में सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ चुनाव लड़ा था। भाजपा ने सिरसा से अपनी सांसद सुनीता दुग्गल का टिकट काटकर अशोक तंवर को मुकाबले में उतारा था।

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