स्व. राजमाता के रास्ते पर चलकर महिलाओं को सशक्त बनाएं, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि
दिनेश शुक्ल । Jan 25 2021 11:20PM
उन्होंने कहा कि स्व. राजामाता जी एक बेटे की मां नहीं थीं, बल्कि वे लाखों कार्यकर्ताओं की मां थीं। हर कार्यकर्ता को उनका स्नेह मिला। चौहान ने कहा कि राजमाता सहजता, सरलता और विचारों प्रति प्रतिबद्धता की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने पार्टी को चलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। जब तक उनकी सांस चली, वे पार्टी और उसकी विचारधारा के लिए जीती रहीं।
भोपाल। राजमाता जी भारतीय जनता पार्टी का आधार थीं। कुशाभाऊ ठाकरे जी, जोशी जी, पटवा जी, प्यारेलाल खंडेलवाल जी आदि के साथ उन्होंने जनसंघ के आधार को विस्तृत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन जनसंघ अगर जन-जन में समाया है, तो इसका श्रेय स्व. राजामाता जी को जाता है। जनसेवा के लिए जो बलिदान राजमाता जी ने दिया, वो किसी और ने नहीं दिया। उन्होंने नारा दिया था कि जाग्रत नारी होगी, तो देश जाग्रत होगा। महिला मोर्चें की बहनें स्व. राजमाता जी के बताए रास्ते पर चलकर महिला सशक्तीकरण को मजबूत करें, उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएं और उन्हें पार्टी संगठन से जोड़ें। यही स्व. राजमाता जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने राजमाता स्व. विजयराजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर महिला मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही।
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जब तक सांस चली, पार्टी और विचारधारा के लिए जीती रही राजमाता जीः चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजमाता जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मैं उस समय विद्यार्थी परिषद का छोटा कार्यकर्ता था, लेकिन राजामाता जी के गैरतगंज, बेगमगंज और इस क्षेत्र के दौरे की व्यवस्था मुझे सौंपी गई थीं। जब राजमाता जी भाषण देने आती थीं, उससे पहले ही मैं बोलने लगता था। छोटा कार्यकर्ता था, लेकिन राजमाता जी हर सभा में मंच से मेरा नाम जरूर लेती थीं, अपना बेटा मानती थीं। उन्होंने कहा कि स्व. राजामाता जी एक बेटे की मां नहीं थीं, बल्कि वे लाखों कार्यकर्ताओं की मां थीं। हर कार्यकर्ता को उनका स्नेह मिला। चौहान ने कहा कि राजमाता सहजता, सरलता और विचारों प्रति प्रतिबद्धता की प्रतिमूर्ति थीं। उन्होंने पार्टी को चलाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। जब तक उनकी सांस चली, वे पार्टी और उसकी विचारधारा के लिए जीती रहीं।
जनसेवा के लिए जो बलिदान उन्होंने दिया, किसी और ने नहीं
चौहान ने कहा कि लोकमाता के रूप में स्व. राजमाता जनसेवा के लिए बड़े से बड़ा बलिदान करने को तैयार रहती थीं। इसी का परिणाम था कि देश की जनता ने बड़े-बड़े राजा महाराजाओं को जो इज्जत नहीं दी, वो प्यार और सम्मान राजमाता जी को मिला। यह उनके प्रति सम्मान ही था कि जहां से उनकी गाड़ी निकलती थी सैकड़ों नर-नारी दौड़कर आते थे और उनकी गाड़ी के टायरों के नीचे की धूल को अपने माथे पर लगाते थे। श्री चौहान ने 1973 में नर्मदा नदी में आई भीषण बाढ़ की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय सरकारी मदद लोगों तक नहीं पहुंच पाई थी, उससे पहले ही राजमाता जी अनाज और कंबल लेकर जनता के बीच सेवा करने के लिए पहुंच गई थीं। उन्होंने कहा कि आमजन के प्रति इसी स्नेह भाव के चलते राजमाता जी इतनी लोकप्रिय थीं कि वो बीमारी में बिस्तर पर लेटे-लेटे ही चुनाव जीत जाती थीं। 1971 में बांग्लादेश युद्ध के बाद हुए चुनाव में जहां सभी पार्टियां ढेर हो गई थीं, राजमाता जी ने अपने दम पर जनसंघ को 11 सीटें जिताई थीं। श्री चौहान ने कहा कि आज पार्टी का मंडल अध्यक्ष होना भी बड़ी बाता है, लेकिन उस समय जब अटलजी, आडवाणी जी ने राजमाता जी को पार्टी का अध्यक्ष बनने का प्रस्ताव दिया, तो उन्होंने ठुकरा दिया था और कहा था, मैं पीछे से ही काम करूंगी।
महिलाओं को सशक्त बनाएं, उन्हें पार्टी से जोड़ें
मुख्यमंत्री चौहान ने महिला मोर्चा की बहनों से आग्रह किया कि वे राजमाता जी के विचारों पर चलकर महिला सशक्तीकरण के लिए काम करें। अपार शक्ति है नारी, सृजनात्मकता का भंडार है। इसलिए बहनों की क्षमताओं को पहचानें और उन्हें काम सौंपें। गरीब से लेकर उद्योगपति तक और पत्थर तोड़ने वाली से लेकर हेलीकॉप्टर उड़ाने वाली महिलाओं तक को पार्टी से जोड़ें। चौहान ने कहा कि महिला मोर्चा की बहनें गांव-गांव में बहनों को ताकत दें। चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटियों और महिलाओं के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं चलाई हैं, उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि बेटियों के जीवन को बर्बाद होने से बचाने के लिए हमने मुस्कान अभियान चलाया है, जिसमें 4 हजार बेटियों को रिकवर किया गया है। हमने धर्म स्वातंत्र्य कानून बनाया है। बेटियों की सुरक्षा के लिए हम गांव-गांव में शौर्या दल बनाने जा रहे हैं। महिला मोर्चा की बहनें भी बेटियों पर अत्याचार के खिलाफ जंग छेड़ें, बदमाशों पर नजर रखें, शौर्या दल बनवाएं, बाल विवाह रोकने जैसे सामाजिक मुद्दों पर काम करें, यही राजमाता जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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राजमाता जी ने कितनी मेहनत से संगठन को सींचा होगा, सोच कर देखें : विष्णुदत्त शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि राजमाता जी इतने वैभवशाली परिवार से होने के बाद भी लोकमाता बनकर जनता की सेवा में लगी रहीं। आज राजमाता जी की पुण्यतिथि के अवसर पर हमें यह विचार करना चाहिए कि उन्होंने कैसे भारतीय जनता पार्टी को खड़ा किया होगा, कैसे संगठन को सींचा होगा और कितनी मेहनत की होगी। श्री शर्मा ने कहा कि राजमाता जी ने लगातार संवाद और प्रवास के जरिए पूरे देश में मातृशक्ति के जागरण का काम किया और भारतीय जनता पार्टी व जनसंघ के साथ जोड़ा। उन्होंने अनेक कठिनाईयों और विषम परिस्थितयों के बीच काम किया। 1980 की विकट परिस्थितियों में उन्होंने तन-मन-धन से संगठन को खड़ा करने में अपनी भूमिका निभाई।
देश और समाज के में मामले कठोर था राजमाता का हृदय
शर्मा ने कहा कि मातृत्व का हृदय तो कोमल होता है लेकिन बात जब देश और समाज की हो, तो राजमाता जी का हृदय कठोर हो जाता था। कांग्रेस के शासनकाल में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की आवाज को दबाने का काम किया गया। उस समय राजमाता जी पर भी अनेक प्रकार के दबाव आये कि आप कांग्रेस के साथ आइये। राजमाता ने यह तय किया कि लोकतंत्र की हत्या इस देश के अंदर स्वीकार नहीं होगी, चाहे मुझे कितनी ही यातनाएं झेलनी पड़ें। आपातकाल के समय श्रद्धेय राजमाता जी को इंदिरा गांधी ने जेल में डाल दिया और अनेक यातनाएं दी गईं। लेकिन हमें गर्व है कि वह अपने वचन, कर्म एवं संकल्प से नहीं डिगीं और इंदिरा गांधी के दबाव को न स्वीकार करते हुए देश के लिए जेल में रहना पसंद किया।
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शर्मा ने कहा कि जब कांग्रेस के डीपी मिश्रा मुख्यमंत्री थे ग्वालियर में नौजवान छात्र हरिसिंह दर्शन की आंदोलन में हत्या हो गई। तब राजमाता जी ने कहा कि यह स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा देकर उस आताताई सरकार को जमीन पर लाने का काम किया और तब मध्यप्रदेश में पहली बार संविद सरकार बनी थी। शर्मा ने कहा कि हमारी मध्यप्रदेश और केंद्र सरकार बेटियों को बचाने से लेकर उन्हें सशक्त बनाने तक अनेकों योजनाएं चला रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उन सभी योजनाओं को जमीन पर उतारने में महिला मोर्चा की अहम भूमिका है और यही राजमाता जी के प्रति श्रद्धांजलि भी होगी।
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राजमाता जी के रास्ते पर चलकर काम को आगे बढ़ाने का संकल्प लें : माया नारोलिया
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती माया नारोलिया ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि राजमाता जी जैसी हस्ती की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम आयोजित करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सभी 56 संगठनात्मक जिलों में मंडल स्तर पर राजमाता जी की पुण्यतिथि के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें बूथ स्तर तक की बहनें भाग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि राजमाता जी सादगी, शालीनता, अनुशासन और विचारों के प्रति प्रतिबद्धता की प्रतिमूर्ति थीं। उनकी पुण्यतिथि पर हम सब यह संकल्प लेते हैं कि उनके आदर्शों, विचारों और सिद्धांतों पर चलते हुए अपने काम को आगे बढ़ाएंगे।
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