केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, संजय जायसवाल सहित बिहार भाजपा के कई नेताओं की सुरक्षा ली गई वापस
जिन नेताओं की सुरक्षा को वापस लिया गया है उसमें बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेनू देवी, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर, अररिया से सांसद प्रदीप सिंह, किशनगंज के एमएलसी दिलीप जायसवाल शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बिहार भाजपा के कई नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया है। दरअसल, अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुआ था। इस प्रदर्शन का असर बिहार में ज्यादा था। उस दौरान बिहार भाजपा नेताओं को लगातार निशाने पर लिया जा रहा था। उसी समय केंद्र सरकार की ओर से बिहार भाजपा के कई नेताओं की सुरक्षा में बढ़ोतरी की गई थी। इन नेताओं को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। हालांकि, अब सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। जिन लोगों से सुरक्षा वापस लिया गया है उनमें बिहार भाजपा के 10 नेता शामिल हैं। सबसे खास बात तो यह भी है कि बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल से भी सुरक्षा वापस ली जा रही है।
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दरअसल, गृह मंत्रालय समय-समय पर नेताओं की सुरक्षा पर मंथन करता है। उसके बाद ही नेताओं की सुरक्षा वापस लिए जाने और बढ़ाने को लेकर निर्णय होता है। जिन नेताओं की सुरक्षा को वापस लिया गया है उसमें बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेनू देवी, दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर, अररिया से सांसद प्रदीप सिंह, किशनगंज के एमएलसी दिलीप जायसवाल शामिल हैं। इसके अलावा कटिहार से एमएलसी अशोक अग्रवाल, बिस्फी विधायक हरि भूषण बचौल, दीघा विधायक संजीव कुमार चौरसिया और दरभंगा से विधायक संजय सरावगी का नाम शामिल है। यह सभी बिहार भाजपा के बड़े नेताओं में आते हैं।
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जब अग्निपथ योजना लाया गया था, उस दौरान बिहार में जबरदस्त तरीके से बवाल हुआ था। अग्निपथ योजना को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान बिहार भाजपा नेताओं को लगातार निशाना बनाया जा रहा था। संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री के घर के बाहर भी प्रदर्शन हुए थे। संजय जायसवाल ने तो गठबंधन में रहने के बावजूद भी नीतीश कुमार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे। हालांकि, अब बिहार में सरकार बदल गई है। गौरतलब है कि वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत केंद्रीय बलों के दो से तीन कमांडो तैनात किए जाते हैं। 18 जून को ही इन नेताओं को वाई सुरक्षा देने का निर्णय हुआ था। हालांकि, अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है।
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