SCO Summit: चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ एस जयशंकर ने की द्विपक्षीय बैठक, जानें क्या कहा

S Jaishankar
ANI
अंकित सिंह । May 4 2023 6:23PM

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक पर उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हमारे द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा।

गोवा में एससीओ की बैठक हो रही है। बैठक से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गोवा के बेनौलिम में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग से द्विपक्षीय वार्ता की। इसके साथ ही उन्होंने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी द्विपक्षीय बैठक की। जयशंकर ने चीनी समकक्ष के साथ वार्ता को लेकर एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि बकाया मुद्दों के समाधान, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान पर बाद हुई है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर चीन के स्टेट काउंसिलर और एफएम किन गैंग के साथ विस्तृत चर्चा हुई। बकाया मुद्दों को हल करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित है। एससीओ, जी20 और ब्रिक्स पर भी चर्चा की।

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रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक पर उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ हमारे द्विपक्षीय, वैश्विक और बहुपक्षीय सहयोग की व्यापक समीक्षा। भारत के एससीओ अध्यक्ष पद के लिए रूस के समर्थन की सराहना की। जी20 और ब्रिक्स से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य मुद्दों पर विश्वास आधारित विचारों का आदान-प्रदान हुआ, जिसमें आगामी संपर्कों की समय-सारणी, साथ ही वैश्विक और क्षेत्रीय एजेंडे पर सामयिक मुद्दे शामिल हैं। मंत्रियों ने हमारे देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की गतिशीलता की प्रशंसा की। SCO, BRICS, UN और G20 सहित सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर बातचीत के ढांचे के भीतर सामान्य दृष्टिकोण विकसित करने के लिए समन्वय को और मजबूत करने के इरादे की पुष्टि की गई।

चीन के विदेश मंत्री के साथ एस जयशंकर की द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच सीम में तनाव जारी है। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विशिष्टता की मांग किए बिना सभी देशों के साथ उसके संबंध बढ़ते रहें। उन्होंने कहा कि हालांकि, चीन द्वारा सीमा प्रबंधन समझौतों का उल्लंघन किए जाने के परिणामस्वरूप बीजिंग के साथ भारत के ‘‘असामान्य’’ प्रकृति के संबंधों के कारण वह एक अलग श्रेणी में आता है।

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भारत ने पिछले सप्ताह एससीओ रक्षा मंत्री स्तरीय बैठक की मेजबानी की थी। भारत, रूस, चीन और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों ने शुक्रवार को नयी दिल्ली द्वारा आयोजित इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उससे संबंधित मुद्दों पर चर्चा की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से मुलाकात में उन्हें स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि मौजूदा सीमा समझौतों का चीन द्वारा उल्लंघन करने से दोनों देशों के बीच संबंधों की संपूर्ण बुनियाद को नुकसान पहुंचा है और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी मुद्दों का समाधान मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों के अनुरूप निकाला जाना चाहिए। 

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