उत्तर प्रदेश में महामारी के दौरान पहली बार खोले गए पहली से पांचवी कक्षा के लिए स्कूल
उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक के स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बाद बुधवार को पहली बार खोले गए। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल पिछली 16 अगस्त से जबकि कक्षा छह से आठ तक के स्कूल पिछली 24 अगस्त से खोले जा चुके हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कक्षा एक से पांच तक के स्कूल कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन के बाद बुधवार को पहली बार खोले गए। प्रदेश में कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल पिछली 16 अगस्त से जबकि कक्षा छह से आठ तक के स्कूल पिछली 24 अगस्त से खोले जा चुके हैं। कक्षा 1 से 5 तक के स्कूल पिछले साल कोविड-19 महामारी शुरू होने के कारण बंद किए गए थे। उसके बाद से आज इन्हें कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए पहली बार खोला गया है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूल खुलने पर बच्चों को बधाई देते हुए बुधवार को एक ट्वीट में कहा, कोरोना महामारी के कारण बंद विद्यालय आज एक सितंबर से पुनः प्रारम्भ हो रहे हैं। सभी बच्चों को ढेर सारी शुभकामनाएं। उन्होंने यह भी कहा, गुरुजनों से विनम्र आग्रह है कि सभी बच्चों का ध्यान रखें। हर हाल में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने में अपना योगदान दें। स्कूल खुले जरूर, लेकिन उनमें बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। विद्यार्थियों के स्वागत के लिए कुछ स्कूलों ने परिसर में दाखिल होने वाले गेट पर सजावट की और बच्चों को टॉफी इत्यादि वितरित की, बच्चों को प्रवेश देने से पहले उनके हाथों को सैनिटाइज भी किया गया। एक निजी स्कूल में कक्षा 3 के छात्र हर्ष ने कहा से उसे स्कूल खुलने की बहुत खुशी है और लंबे समय बाद अब वह अपने दोस्तों से मिल सकेगा।
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हालांकि हर्ष की मां मेघा कोविड-19 की आशंका को लेकर चिंतित नजर आईं, उन्होंने कहा कि अगर संक्रमण के मामले बढ़े तो वह बच्चे को स्कूल नहीं जाने देंगी। राजधानी लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया कि स्कूल में सिर्फ उन्हीं बच्चों को बुलाया जा रहा है जिनके माता-पिता या अभिभावकों ने इसके लिए सहमति दी है। उन्होंने बताया कि कुछ कक्षाओं में 50 विद्यार्थी हैं लेकिन उनमें से केवल एक या दो छात्रों के माता-पिता ने ही बच्चों को स्कूल भेजने पर रजामंदी दी है। स्कूल दो पालियों में खोले गए हैं। पहली पाली सुबह आठ बजे से जबकि दूसरी पाली पूर्वान्ह साढ़े 11 बजे से शुरू की गई। कक्षा में 50% बच्चों को ही आने की इजाजत दी गई है।
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