स्वच्छता में मध्य प्रदेश के स्कूल फिसड्डी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सर्वे में खुलासा
मानव संसाधन विकास और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शाला स्वच्छता पुरस्कार के तहत जारी किए गए आंकड़ों में प्रदेश के 85500 सरकारी स्कूलों में से महज 351स्कूल ही इस पैमाने पर पूरी तरह खरे उतरे।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल देश की सबसे स्वच्छ राजधानियों में नंबर वन रही, तो देश में सबसे स्वच्छ शहर मध्यप्रदेश का ही इंदौर शहर रहा। देश में स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश ने बाजी तो मार ली लेकिन उसके स्कूल आज भी इस पैमाने पर खरे नहीं उतरे है। यह खुलासा हुआ है मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उस सर्वे में। जिसमें स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत सत्र 2017-18 के शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए प्रदेश के लगभग 85500 सरकारी स्कूलों का सर्वे किया था जिसके इन विद्यालयों ने बाकायदा नामांकन किया था। इनमें से मात्र 4 फ़ीसदी स्कूल ही स्वच्छता के पैमाने पर खरे उतरे हैं। जिन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस सर्वे के लिए बाकायदा फाइव स्टार रैंकिंग के मापदंड बनाए थे। जिसके तहत पांच बिंदुओं पर सरकारी स्कूलों का स्वच्छता को लेकर सर्वे होना था।
1. स्कूलों में स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता एवं उसकी नियमित सफाई के लिए व्यवस्था।
2. सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता एवं सुचारु संधारण।
3. साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था एवं हाथ धुलाई की नियमित मानीटरिंग।
4. शाला शौचालयों का नियमित संधारण एवं रखरखाव और
5. स्कूल के विद्यार्थियों शिक्षकों की स्वच्छता अभियान में सक्रिय सहभागिता।
इसे भी पढ़ें: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के निधन पर कौशिक ने किया शोक व्यक्त
लेकिन मानव संसाधन विकास और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शाला स्वच्छता पुरस्कार के तहत जारी किए गए आंकड़ों में प्रदेश के 85500 सरकारी स्कूलों में से महज 351स्कूल ही इस पैमाने पर पूरी तरह खरे उतरे। इन 351 सरकारी विद्यालयों को फाइव स्टार रेटिंग दी गई है। जिसमें प्रदेश के चार प्रमुख शहरों जिसमें राजधानी भोपाल के 12 सरकारी स्कूल, इंदौर के 18, ग्वालियर के 19 और जबलपुर का सिर्फ एक स्कूल स्वच्छता में फाइव स्टार बना है। इसके अलावा फाइव स्टार रेटिंग में प्रदेश के शीर्ष 5 जिलों में शहडोल जिले के 30, सीधी जिले के 21, सीहोर जिले के 24, उज्जैन जिले के 16 सरकारी विद्यालय चयनित हुए। जिन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ₹50000 की पुरस्कार राशि दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें: बीजेपी कार्यकर्ताओं से सांसद बोले 370 हटा सकते हैं, कांग्रेस को हटाना बड़ी बात नहीं
वहीं स्वच्छता के मामले में प्रदेश के स्कूलों की हालत के बारे में जब प्रभा साक्षी न्यूज़ नेटवर्क में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभु राम चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि उनकी सरकार स्कूलों में स्वच्छता को लेकर प्रयासरत है। स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त की जाएगी तथा विद्यार्थियों को स्वच्छता के प्रति जागृत करने के लिए कार्यशाला का आयोजन करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस वर्ष प्रदेश के अधिक से अधिक स्कूल स्वच्छता सर्वेक्षण में शामिल होंगे।
अन्य न्यूज़