SC ने प्रवासी भारतीयों को मतदान की अनुमति के मामले पर सूचित करने को कहा
कोर्ट ने केंद्र को उसे यह जानकारी देने का निर्देश दिया कि वह यहां चुनाव में प्रवासी भारतीयों को मतदान करने के लिए सक्षम बनने की दिशा में चुनाव संबंधी कानून या नियमों में बदलाव करने जा रही है या नहीं।
उच्चतम न्यायालय ने आज केंद्र से एक सप्ताह के भीतर उसे यह जानकारी देने का निर्देश दिया कि वह यहां चुनाव में प्रवासी भारतीयों को मतदान करने के लिए सक्षम बनने की दिशा में चुनाव संबंधी कानून या नियमों में बदलाव करने जा रही है या नहीं। प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की एक पीठ ने इस बयान पर विचार किया कि केंद्र एवं निर्वाचन आयोग इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं और बहस का एक मात्र विषय इसे लागू करने के तरीके को लेकर है।
न्यायालय ने इस बयान पर भी ध्यान दिया कि जन प्रतिनिधि कानून, 1950 में संशोधन करके या कानून के नियमों में संशोधन करके डाक मतपत्रों के जरिए प्रवासी भारतीयों को मतदान की अनुमति दी जा सकती है। डाक मतपत्र के जरिए प्रवासी भारतीयों को मतदान की अनुमति दिए जाने समेत विभिन्न मामलों पर नागेंद्र चिंदम और शमशीर वीपी की ओर से दायर याचिकाओं समेत याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह आदेश दिया।
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