न्यायालय समिति कृषि कानून पर उत्पन्न संकट को नहीं सुलझा पाएगी: सुखबीर सिंह बादल
शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग ठुकराने के बाद शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति कोई ‘सृजनात्मक भूमिका’ नहीं निभा पाएगी।
नवांशहर। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार को दावा किया कि विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग को ठुकराने के बाद से केंद्र एवं किसानों के बीच जारी गतिरोध को सुलझाने में उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति ‘सकारात्मक भूमिका’ निभा नहीं पाएगी। उन्होंने कहा कि ‘किसान शक्ति’ में भाजपा का ‘सफाया करने’ की ताकत है। नवांशहर, बांगा और फगवाड़ा में वार्ड स्तर की बैठकें करने के बाद बादल मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग ठुकराने के बाद शीर्ष अदालत द्वारा गठित समिति कोई ‘सृजनात्मक भूमिका’ नहीं निभा पाएगी। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने तीन विवादित कानूनों पर विचार करने के लिए 11 जनवरी को चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान करीब दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समिति के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इससे अलग कर लिया है।
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बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल आगामी संसद सत्र में समान विचार वाली पार्टियों के साथ देश में ‘संघीय ढांचे को पुन: स्थापित करने’ के लिए बैठक करेगी। उन्होंने भाजपा सरकार से मांग की कि वह किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का इस्तेमाल नहीं करे। बादल ने कहा कि एनआईए का इस्तेमाल आतंकवाद के खिलाफ किया जाता है और इसका ‘दुरुपयोग’ नहीं होना चाहिए।
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