लखीमपुर हिंसा: अदालत में पक्ष रखने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 7 अधिवक्ताओं की समिति बनाई

Samyukt Kisan Morcha
प्रतिरूप फोटो

मोर्चा ने एक बयान में कहा, “लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ यह सात सदस्यीय दल कानूनी लड़ाई को देखेगा।”

नयी दिल्ली| संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को कहा कि उसने लखीमपुर हिंसा से जुड़े अदालती मामलों में पक्ष रखने के लिये वकीलों की सात सदस्यीय एक समिति बनाई है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे 40 कृषि संघों के एकीकृत संगठन एसकेएम ने कहा कि समिति में अधिवक्ता सुरेश कुमार मुन्ना, हरजीत सिंह, अनुपम वर्मा, मोहम्मद ख्वाजा, यादविंदर वर्मा, सुरेंदर सिंह और इसरार अहमद शामिल हैं।

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मोर्चा ने एक बयान में कहा, “लखीमपुर खीरी मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा और अन्य के खिलाफ यह सात सदस्यीय दल कानूनी लड़ाई को देखेगा।” किसान संगठन ने कहा कि वह केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा की बर्खास्तगी व गिरफ्तारी के लिये भी लड़ाई लड़ेगा।

उसने कहा कि अधिवक्ताओं का पैनल संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के मार्गदर्शन में मृतक और घायल किसानों को न्याय दिलाने के लिए लगातार काम करेगा, जिसमें घटना में मारे गए युवा पत्रकार का परिवार भी शामिल हैं।

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तीन अक्टूबर को हुई घटना में आठ लोगों की जान चली गई थी। लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में चार किसानों और एक पत्रकार की उस वक्त मौत हो गई थी जब कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा चलाई जा रही गाड़ी ने उन्हें कुचल दिया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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