Sansad Diary: हंगामेदार रहा आज का दिन, वक्फ बिल लोकसभा में पेश, विपक्ष ने किया विरोध

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ANI
अंकित सिंह । Aug 8 2024 5:43PM

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतविार को लोकसभा में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया और फिर इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव दिया।

संसद में आज का दिन काफी हंगामेदार रहा। जहां लोकसभा में वक्फ बिल को लेकर विपक्ष सरकार पर जबरदस्त तरीके से हमलावार रहा। तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने साफ तौर पर कहा कि उसका मकसद इस बिल के जरिए पारदर्शिता लाना है। यह बिल किसी के खिलाफ नहीं है। सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने की सिफारिश की। वहीं, वायुयान विधेयक पेश किया गया। दूसरी ओर राज्यसभा में भी आज विनेश फोगाट मामले को लेकर हंगामा देखने को मिला। वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ इतने नाराज हो गए कि वह कुर्सी छोड़कर चले गए। सौगत रॉय ने किया कंगना को थप्पड़ मारे जाने का जिक्र कर दिया। 

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लोकसभा की कार्यवाही

- केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतविार को लोकसभा में वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया और फिर इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव दिया। रीजीजू ने सदन में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ को पेश किया और विभिन्न दलों की मांग के अनुसार विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव किया। विपक्षी सदस्यों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि यह संविधान, संघवाद और अल्पसंख्यकों पर हमला है। विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि विधेयक में किसी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। 

- कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने कहा कि यह विधेयक संविधान पर हमला है। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि यह विधेयक अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है तथा असंवैधानिक है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह बहुत सोची समझी राजनीति के तहत हो रहा है। उन्होंने कहा कि विधेयक में सारी ताकत जिला अधिकारी को देने की बात की गई है और सबको पता है कि एक जगह एक जिलाधिकारी ने क्या किया था।

- भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने बृहस्पतिवार को सरकार से अनुरोध किया कि झारखंड में सत्तारूढ़ कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए दबाव बनाया जाए। लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने दावा किया कि देश के विभिन्न राज्यों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि झारखंड में इस वर्ग को केवल 14 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

- राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे वक्फ से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। हालांकि, तेदेपा ने कहा कि इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है। यह कैसे मुसलमान विरोधी है?’’ 

- तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यों की सराहना करते हुए लोकसभा में कहा कि अगर सरकार के सभी मंत्री उनकी तरह हो जाएं तो देश का उद्धार हो जाएगा। आजाद ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए यह टिप्पणी की।

राज्यसभा की कार्यवाही

पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराये जाने के मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग को राज्यसभा में आसन की ओर से खारिज किए जाने के बाद विपक्ष ने बृहस्पतिवार को उच्च सदन से बहिर्गमन किया। इस दौरान विपक्ष के कुछ सदस्यों के अमर्यादित आचरण से दुखी होकर सभापति जगदीप धनखड़ यह कहते हुए आसन छोड़कर चले गए कि वह कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं। 

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राज्यसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने आम बजट 2024-25 में मध्यम वर्ग की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज स्थिति यह हो गयी है कि मध्यम वर्ग के नौकरी पेशा लोग कार्पोरेट क्षेत्र की तुलना में अधिक कर दे रहे हैं। उच्च सदन में वित्त विधेयक 2024-25 और जम्मू कश्मीर से संबंधित वित्त विधेयक पर संयुक्त चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के विवेक तन्खा ने कहा कि कोई भी बजट बुरा या अच्छा नहीं होता बल्कि उसमें कुछ हिस्से अच्छे एवं कुछ बुरे होते हैं। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (आप) सदस्य संजय सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि किसानों व छात्रों के ऋण माफ करने तथा पुरानी पेंशन व्यवस्था शुरू करने के लिए केंद्र के पास पैसे नहीं हैं लेकिन उसने 43 कंपनियों के 3,53,000 करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए।  

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