West Bengal Rajya Sabha Elections । सागरिका घोष और सुष्मिता देव होंगे टीएमसी के उम्मीदवार
टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्य में आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ पत्रकार सागरिका घोष, पार्टी नेता सुष्मिता देव और दो अन्य लोगों के नामों की रविवार को घोषणा की। पश्चिम बंगाल की पांच राज्यसभा सीट के लिए 27 फरवरी को चुनाव होंगे। टीएमसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।’’ टीएमसी ने कहा, ‘‘हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा के लिए अदम्य भावना और मुखर होने की तृणमूल की स्थायी विरासत को बनाए रखने की दिशा में काम करें।’’
We are pleased to announce the candidature of @sagarikaghose, @SushmitaDevAITC, @MdNadimulHaque6 and Mamata Thakur for the forthcoming Rajya Sabha elections.
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) February 11, 2024
We extend our heartfelt wishes to them and may they work towards upholding Trinamool’s enduring legacy of indomitable…
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टीएमसी की ओर से दो बार राज्यसभा सांसद रह चुके नदीमुल हक को एक बार फिर से इसके लिए उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, तीन मौजूदा सांसदों - सुभाशीष चक्रवर्ती, अबीर विश्वास और शांतनु सेन को फिर से नामांकित नहीं करने का निर्णय पार्टी की रणनीति में एक उल्लेखनीय बदलाव का प्रतीक है। प्रसिद्ध पत्रकार सागरिका घोष अभी तक आधिकारिक तौर पर टीएमसी में शामिल नहीं हुईं हैं। वर्ष 2021 में कांग्रेस छोड़कर टीएमसी में शामिल होने वालीं सुष्मिता देव अक्टूबर 2021 से अगस्त 2023 तक पार्टी की राज्यसभा सांसद रही हैं। टीएमसी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुष्मिता देव असम में पार्टी के मामलों को देखती हैं। हालांकि, जिनके नामांकन ने सबसे अधिक ध्यान खींचा है वह पूर्व लोकसभा सांसद और मतुआ समुदाय की नेता ममता बाला ठाकुर का है।
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दो बार की लोकसभा सांसद ठाकुर को 2019 में मतुआ बहुल बोंगांव सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शांतनु ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा था। दोनों रिश्तेदार हैं। ठाकुर का नामांकन लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लागू करने के वादे के साथ मतुआ समुदाय को लुभाने के भाजपा के प्रयासों के बीच आया है। मतुआ समुदाय के लोग किसी भी चुनाव में एकजुट होकर मतदान करते हैं। उनका जुड़ाव सीएए के मुद्दे पर विशेष रूप से भाजपा के रुख के साथ है। सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के वादों को लेकर मतुआ समुदाय ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पश्चिम बंगाल में भाजपा के शानदार प्रदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वरिष्ठ पत्रकार नदीमुल हक ने जनता की सेवा करने का अवसर मिलने के लिए टीएमसी नेताओं ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के समर्थन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इस उम्मीदवारी को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जनता की सेवा करने का तीसरी बार अवसर प्रदान करने के लिए, मैं हमारी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी और महासचिव अभिषेक बनर्जी को धन्यवाद देता हूं।’’ बंगाल में 294 सदस्यों वाली विधानसभा में टीएमसी के 217 विधायक हैं। इसके अलावा टीएमसी के पास भाजपा के छह विधायकों का भी समर्थन हासिल है, जो दल बदलकर टीएमसी के समर्थन में आ गए हैं। आगामी राज्यसभा चुनाव में टीएमसी का दबदबा सुनिश्चित दिख रहा है। हालांकि, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की आधिकारिक संख्या 74 है, दलबदल के कारण अनौपचारिक रूप से यह 68 हो गई है।विधानसभा में संख्याबल के अनुसार, पांच राज्यसभा सीट में से टीएमसी चार पर दावा करने के लिए तैयार है, जबकि भाजपा पांचवीं सीट हासिल करेगी।
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