संविधान में निहित सिद्धांतों के प्रति स्वयं को पुन: प्रतिबद्ध करने का संकल्प लें: उपराष्ट्रपति
आजादी के 75वें साल से 100वें साल तक के सफर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अमृत काल’ का नाम दिया है। भारत आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नयी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन हो रहा है।
नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को देशवासियों को 75वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दीं और उनसे संविधान में निहित सिद्धांतों के प्रति स्वयं को पुन: प्रतिबद्ध करने का संकल्प लेने व समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पचहत्तर साल पहले, हमारे संविधान निर्माताओं ने एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की थी जहां न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व दुनिया के सबसे बड़े और सबसे समावेशी लोकतंत्र के मार्गदर्शक सिद्धांत होंगे।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के दिन भारतीय गणतंत्र के ‘अमृत काल’ में सभी उन संघर्षों, बलिदानों और उपलब्धियों पर चिंतन करते हैं जिन्होंने भारत को संपूर्ण मानवता के लिए आशा की किरण के रूप में आकार दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आइए, इस महत्वपूर्ण दिन पर हम अपने संविधान में निहित सिद्धांतों के प्रति स्वयं को पुन: प्रतिबद्ध करने का संकल्प लें और एक अधिक मजबूत एवं अधिक समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में मिलकर कार्य करें।’’
आजादी के 75वें साल से 100वें साल तक के सफर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘अमृत काल’ का नाम दिया है। भारत आज 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नेतृत्व में नयी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन हो रहा है। भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आजादी तो मिल गई थी लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित हुआ। इसी दिन देश का संविधान लागू हुआ था।
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